अबू धाबी। पोप फ्रांसिस ने कैथोलिक चर्च में पादरियों और बिशप द्वारा ननों के यौन उत्पीड़न की बात स्वीकार कर ली है। ऐसा पहली बार हुआ है जबकि पोप फ्रांसिस ने ननों के यौन उत्पीड़न की बात मानी है। उन्होंने कहा कि चर्च इस समस्या को हल करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन यह कोशिश ‘अभी भी जारी’ ही है।
मंगलवार को पोप फ्रांसिस ने ननों के यौन उत्पीड़न के बारे में एक पत्रकार के सवाल पूछने पर कहा, ‘कुछ ऐसे पादरी और बिशप हैं, जिन्होंने ऐसा किया है।’ उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात से लौटते समय हवाई यात्रा के दौरान यह कहा। हाल ही में वेटिकन सिटी की महिलाओं पर केंद्रित एक पत्रिका में पादरियों द्वारा ननों के उत्पीड़न की बात सामने आई है। इसमें कहा गया था कि ननों का गर्भपात कराया गया है। पत्रिका में यह भी कहा गया था कि इन पीड़ित महिलाओं को अपने बच्चों की परवरिशपिता के बगैर ही करनी पड़ रही है। बता दें कि आयरलैंड दौरे पर भी पोप फ्रांसिस ने चर्च में बचपन में यौन शोषण के शिकार पीड़ितों से मुलाकात की थी। यूएई के अपने ऐतिहासिक दौरे पर पोप फ्रांसिस ने ईश्वर के नाम पर फैलाई जा रही घृणा और नफरत को गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि बिना किसी हिचक के हिंसा के सभी स्वरूप की निंदा की जानी चाहिए।
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