नई दिल्ली। वेस्ट इंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए चुनी गई भारतीय टीम को लेकर मचे बवाल पर कप्तान विराट कोहलीने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का बचाव किया है। राजकोट टेस्ट से एक दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब वह मीडिया के सामने आए तो उन्हें टीम सिलेक्शन को लेकर कई तीखे सवालों का सामना करना पड़ा। यहां भारतीय कप्तान ने सिलेक्टरों का बचाव करते हुए इस सीरीज में बेंचमार्क तय करने की बात कही है। उन्होंने कहा, ‘हम इस सीरीज में बेंचमार्क सेट करना चाहते हैं। कुछ युवा खिलाड़ी टॉप ऑर्डर में आते हैं तो उन्हें अपना कौशल दिखाने का मौका मिलता है। मेरे ख्याल से युवा खिलाड़ियों के लिए यह अच्छा मौका होगा।’ उल्लेखनीय है कि सिलेक्टरों पर उस वक्त सवाल उठने लगे, जब दो मैचों की सीरीज के लिए चयनित टीम में करुण नायर और एशिया कप में शानदार प्रदर्शन करने वाले रोहित शर्मा को मौका नहीं मिला। नायर को इंग्लैंड दौरे पर टीम में शामिल किया गया था, लेकिन किसी भी मैच में नहीं खिलाया गया।
बता दें कि वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए रोहित शर्मा, शिखर धवन, भुवनेश्वर, करुण नायर और बुमराह को टीम में शामिल नहीं किया गया था। एशिया कप में अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को जीत दिलाने वाले रोहित को भी टीम पर बाहर रखने पर दिग्गजों ने सवाल उठाए थे। भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावसकर ने भी तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह को आराम देने पर सवाल उठाया है। भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह ने करुण को बिना खेले टीम से बाहर करने पर चयनकर्ताओं पर निशाना साधा था। पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल के बारे में उन्होंने कहा कि पृथ्वी शॉ, हनुमा विहारी और मयंक अग्रवाल ने डोमेस्टिक क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्हें इस सीरीज को मौके के रूप में लेना चाहिए न कि दबाव के रूप में। यहां उन्हें मौका मिलेगा कि वह प्रदर्शन करें और लंबे समय तक खेलने का जज्बा दिखा सकें। बता दें कि वेस्ट इंडीज के खिलाफ होने वाले पहले टेस्ट मैच से एक दिन पहले बोर्ड ने 12 खिलाड़ियों की लिस्ट जारी है, जिसमें पृथ्वी शॉ का भी चयन है।
बिना खेले टीम से बाहर किए जाने के बारे में करुण नायर ने ‘मेरी टीम के चयनकर्ताओं और प्रबंधन से किसी भी प्रकार की कोई बातचीत नहीं हुई। यह मुश्किल है, लेकिन मैंने खुद से आगे बढ़कर कुछ नहीं पूछा। हां, हमारी अभी तक कोई बात नहीं हुई है।’ हालांकि, उनके इस दावे को चीफ सिलेक्टर एमएसके प्रसाद ने गलत करार दिया था। हरभजन ने मंगलवार को एक इंटरव्यू में कहा, ‘यह ऐसा रहस्य है जिसे हल करने की जरूरत है। तीन महीने तक बेंच पर बैठा खिलाड़ी इतना बुरा कैसे हो सकता है कि वह टीम में बने रहने के लायक भी नहीं है।’ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के विभिन्न प्रारूपों में 700 से ज्यादा विकेट लेने वाले इस गेंदबाज ने कहा, ‘यकीन मानिए, राष्ट्रीय टीम के चयन के लिए यह चयन समिति जिस तरह का मापदंड अपना रही है उससे मुझे उनकी सोच पर तरस आता है।’ ‘टर्बनेटर’ के नाम से पहचाने जाने वाले इस खिलाड़ी ने कहा कि वह नायर के दर्द को समझ सकते हैं जो टेस्ट क्रिकेट में वीरेंदर सहवाग के बाद तिहरा शतक लगाने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि अलग-अलग खिलाड़ियों के चयन के लिए अलग-अलग पैमाना अपनाया जा रहा है। कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्हें सफल होने के लिए कई मौके दिए जाते हैं जबकि दूसरों को असफल होने के लिए भी मौका नहीं मिल रहा है। यह सही नहीं है।’