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चीन, पाकिस्तान ट्रेड कॉरिडोर को मिलिटरी प्रॉजेक्ट बता पीओके में हुआ विरोध

नई दिल्ली/बाघ/ब्रसल्ज। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के (पीओके) और गिलगित बाल्टिस्तान इलाके से गुजरने वाले चीन पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) को लेकर विरोध तेज हो गया है। स्थानीय ऐक्टिविस्टों ने इसे मिलिटी प्रॉजेक्ट बताते हुए इसका विरोध किया है। ऐक्टिविस्टों का आरोप है कि लोगों और इलाकों के विकास की बजाय रणनीतिक लक्ष्यों के लिए इसका निर्माण किया जा रहा है। बता दें कि विवादित इलाके से गुजरने वाले सीपीईसी को लेकर भारत हमेशा विरोध जताता रहा है। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक PoK के विभिन्न हिस्सों के ऐक्टिविस्टों ने बाघ जिले में इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया है। साथ ही पाकिस्तान के अवैध और जबरिया कब्जे को खत्म करने की मांग की है। ये प्रदर्शन यूनाइटेड कश्मीर पीपल्स नैशनल पार्टी (UKPNP) के दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान हुए हैं। ऐक्टिविस्टों ने इस इलाके में बन रहे डैम और अन्य प्रॉजेक्ट्स का विरोध किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इनका लक्ष्य स्थानीय लोगों को विकास की प्रक्रिया से बाहर करना है।
ऐक्टिविस्टों ने अरबों डॉलर खर्च कर गिलगित बाल्टिस्तान से गुजरने वाले चीन पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के निर्माण का भी विरोध किया है। UKPNP फॉरेन अफेयर्स के पूर्व सेंट्रल सेक्रटरी जमील मकसूद ने कहा है कि उनका संगठन अन्य क्षेत्रीय राजनीतिक शक्तियों के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय फोरम से मांग कर रहा है कि वे सीपीईसी की मदद से पाकिस्तान द्वारा बनाए जा रहे भय के वातावरण को खत्म करने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि ये लोगों के हित में नहीं बल्कि मिलिटरी प्रॉजेक्ट है और इसके अपने रणनीतिक स्वार्थ हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह गिलगित बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, बलूचिस्तान या किसी भी जगह के लोगों के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सरकार रावलकोट, कोटली, बाघ, नीलम, मुजफ्फराबाद और अन्य इलाकों में आर्मी से रिटायर, ब्यूरोक्रेट्स और बिजनसमैन को जमीन का आवंटन कर स्टेट सब्जेक्ट का भी उल्लंघन कर रही है। UKPNP के निर्वासित अध्यक्ष सरदार शौकत अली कश्मीरी ने बाग में इकट्ठा ऐक्टिविस्टों को टेलिफोन से संबोधित किया। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से कहा कि वे पाकिस्तान से क्षेत्र को खाली करने और स्वदेशी लोगों के मौलिक अधिकारों को पुनर्जीवित करते हुए स्थानीय प्रशासन स्थापित करने की मांग करें। बता दें कि चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर या सीपीईसी चीन का महत्वकांक्षी प्रॉजेक्ट है जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन जैसे विवादित इलाको से होकर गुजरता है। भारत इस प्रॉजेक्ट का विरोध करता है क्योंकि यह पाक अधिकृत कश्मीर से गुजरता है। भारत का कहना है कि यह उसकी संप्रभुता की अनदेखी है। मुख्य तौर पर यह एक हाइवे और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट है जो चीन के काशगर प्रांत को पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से जोड़ेगा। इस प्रॉजेक्ट के तहत पाकिस्तान में बंदरगाह, हाइवे, मोटरवे, रेलवे, एयरपोर्ट और पावर प्लांट्स के साथ दूसरे इंफ्रस्क्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट को डिवेलप किया जाएगा।

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