टोरंटो। आज चंद्रमा पृथ्वी की छाया से होकर गुजरेगा जिससे हमें वर्ष का एकमात्र पूर्ण चंद्रग्रहण और जनवरी 2019 के बाद पहला चंद्र देखने को ग्रहण मिलेगा।
लेकिन समस्या यह है कि पूरे देश में यह एक समान रूप से देखने को नहीं मिल सकेगा। देश के पश्चिमी हिस्से में तो इसे देखने के लिए सुबह सवेरे उठना होगा क्योंकि चंद्र ग्रहण, चंद्रमा के छिपने के साथ ही शुरू होगा।
इस ग्रहण को कुछ लोग “सुपर फ्लावर ब्लड मून” ग्रहण कहते हैं। इसके पीछे कुछ कारण हैं। कारण है।सबसे पहले, यह एक “सुपर मून” है, एक ऐसा शब्द जिसने पिछले एक दशक में लोकप्रियता हासिल की है। एक “सुपर मून” एक पूर्णिमा (फुल मून) को दर्शाता है जो अपनी मंथली ऑर्बिट में पृथ्वी के सबसे करीब होता है।यह खगोलविदों एस्ट्रोनॉमर्स द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द नहीं है, फिर भी कई लोग इसे इस्तेमाल करते हैं। हालांकि आम लोगों के लिए बिना किसी इंस्ट्रूमेंट के नग्न आंखों से औसत पूर्णिमा और इस के बीच के आकार के अंतर को देखना मुश्किल होगा।
दूसरा, हर महीने की पूर्णिमा को फार्मर्स एलमनाक (किसान पंचांग) द्वारा एक नाम दिया जाता है। इस मामले में, मई के चंद्रमा को फ्लावर मोनिका नाम दिया गया है क्योंकि इस समय वहां फ्लावरिंग का सीजन होता है।
और अंत में, “ब्लड मून” उस रंग को रैफर करता है जो चंद्रमा ग्रहण के दौरान बदल सकता है।
बुधवार का ग्रहण पूरी तरह से पेसिफिक ओसियन और अधिकांश ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और फिजी में दिखाई देगा। चंद्रग्रहण के कई चरण होते हैं, जो पेनुमब्रल से शुरू होते हैं, फिर आंशिक, फिर कंप्लीट। जैसे ही चंद्रमा अम्ब्रा से बाहर निकलता है, फेज रिवर्स हो जाते हैं।
