बेंगलुरु। केंद्र में सत्तातरूढ़ एनडीए को लोकसभा चुनाव रूपी महासमर में मात देने के लिए राष्ट्री्य गठजोड़ बनाने में लगी कांग्रेस पार्टी को दक्षिण भारत के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले कर्नाटक में झटका लग सकता है। कर्नाटक में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी जनता दल सेक्यु लर (जेडीएस) ने कहा है कि तीन राज्यों में हुए चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस अकेले फैसले ले रही है। साथ ही संकेत दिया कि अगर उसने ऐसा करना बंद नहीं किया तो वह अकेले लोकसभा चुनाव लड़ सकती है। जेडीएस ने बुधवार को कांग्रेस को छोड़कर अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने के संकेत दिए जैसा कि वह अगस्त में हुए पंचायत चुनाव में कर चुकी है। जेडीएस के राष्ट्रीाय अध्यसक्ष एचडी देवगौड़ा ने कहा कि उनकी पार्टी ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है। उधर, जेडीएस के प्रवक्ता कहते हैं कि पार्टी के नेताओं की एक राय है कि दोनों दलों में ‘फ्रेंडली फाइट’ हो।
गौड़ा ने कहा, ‘मैं नहीं चाहता हूं कि इस तरह का कोई आरोप मेरे कंधों पर आए। हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि कांग्रेस पार्टी हमारे साथ कितने सम्मा न के साथ व्येवहार करती है।’ दोनों दलों में मतभेद की ताजा वजह कांग्रेस की ओर से राज्य् सरकार द्वारा संचालित बोर्डों और निगमों में एकतरफा नियुक्ति का ऐलान है जिसमें कुछ ऐसे भी हैं जो जेडीएस मंत्रियों के विभागों के अंतर्गत आते हैं। यही नहीं कांग्रेस ने अपने पार्टी कार्यकर्ता को मुख्यकमंत्री का राजनीतिक सचिव बना दिया है जिससे जेडीएस नाराज हो गई है। गौड़ा ने कहा, ‘मुझे इस बात से कोई दिक्करत नहीं है कि हमारी पार्टी को बोर्ड और निगमों में एक-तिहाई हिस्सान मिल रहा है। लेकिन जो हिस्साय हमें मिला है उनमें से कुछ ऐसे भी हैं जिसमें हमारा हिस्सान बहुत कम है या उसे बजट से कोई सहायता नहीं मिलती है।’ गौड़ा ने कहा कि वह जल्द ही कांग्रेस अध्यसक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे। उधर, जेडीएस के प्रवक्ताय रमेश बाबू ने कहा, ‘हमने अक्सलर देखा है कि कांग्रेस पार्टी बड़े भाई जैसा व्यैवहार करती है। इसलिए हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की राय है कि हमें राज्ये की सभी 28 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए।’ राज्या में अगर ऐसा हुआ तो एचडी देवगौड़ा हासन और बेंगलुरु नॉर्थ सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।
