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आईएस के लिए जुटाता था समर्थन, अब करेगा चरमपंथ विरोधी विषय की पढ़ाई

लंदन। हाल ही में जेल से रिहा हुआ पाकिस्तानी मूल का एक कट्टरपंथी उपदेशक अब अनिवार्य चरमपंथ विरोधी पाठ्यक्रम की पढ़ाई करेगा। अंजम चौधरी आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के लिए समर्थन जुटाने के मामले सजा का एक हिस्सा जेल में काटने के बाद हाल ही में रिहा हुआ है। अंजम (51) को दक्षिण लंदन की बेलमार्श जेल से इस महीने की शुरूआत में रिहा किया गया था। उसके अच्छे व्यवहार को लेकर उसे रिहा कर दिया गया। उसे 5.5 साल की कैद की सजा मिली थी, जिसमें आधे से भी कम समय तक वह जेल में रहा। ‘द टाइम्स’ के मुताबिक यह पता चला है कि चौधरी को उसके प्रोबेशन के तहत सरकार के ‘डेजीसटेंस ऐंड डिसइंगेजमेंट प्रोगाम’ (डीडीपी) में शामिल होने का आदेश दिया गया है। इस अनिवार्य पाठ्यक्रम के तहत उस आध्यात्मिक परामर्श दिया जाएगा। पाठ्यक्रम में शामिल नहीं होने पर चौधरी को अपनी सजा की शेष अवधि काटने के लिए फिर से जेल भेज दिया जाएगा।

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