कोलकता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को ममता बनर्जी सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा कमेटियों को अनुदान देने के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। याचिका को स्वीकार करने से इनकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह मुद्दा अगले बजट के बाद उठाया जा सकता है। राज्य सरकार ने मंगलवार को तर्क दिया था कि बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार द्वारा प्रत्येक दुर्गा पूजा कमेटियों को 10,000 रुपए देने का फैसला एक्जिक्यूटिव आदेश था। प्रदेश में कुल 28,000 दुर्गा पूजा कमेटियां हैं। प्रदेश सरकार में मंगलवार को कहा था कि कोर्ट राज्य सरकार के एक्जिक्यूटिव फैसले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता। इस फैसले को सिर्फ राज्य विधानसभा ही चुनौती दी जा सकती है। इस प्रकार हाईकोर्ट ने पीआईएल पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया और पीआईएल खारिज हो गई।
इससे पहले हाई कोर्ट ने दुर्गा पूजा कमेटियों को 10-10 हजार रुपए की आर्थिक मदद देने के ममता सरकार के आदेश पर रोक लगा दिया था। कोर्ट ने पूछा था कि पूजा समितियों को आर्थिक मदद देने का आधार क्या है और सरकार किस आधार पर राजस्व का पैसा दुर्गा पूजा समारोह पर खर्च कर रही है। कोर्ट ने कहा था कि मामले की अगली सुनवाई होने तक सरकार दुर्गा पूजा कमेटियों को रुपए जारी नहीं कर सकती। गौर हो कि ममता बनर्जी सरकार ने पिछले दिनों दुर्गा पूजा कमेटियों को आर्थिक मदद के रूप में 10-10 हजार रुपए देने की घोषणा की थी। कोलकाता में 3000 दुर्गा पूजा कमेटियां और पूरे राज्य में 28,000 कमेटियां हैं। ममता का यह कदम चौंकाने वाला था क्योंकि उन पर मुस्लिमों के तुष्टिकरण के आरोप लगते रहे थे। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी के बढ़ते हुए प्रभाव ने ममता की चिंता बढ़ा दी है जिसके चलते उन्हें इस तरह के फैसले लेने पड़ रहे हैं।