नई दिल्ली, ०६ मार्च। महिलाओं द्वारा लिए जा रहे कर्ज को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। महिलाएं किसी से कम नहीं, यह कहावत तो सुनी होगी आपने। आज के दौर में महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले लोग कर्ज देना ज्यादा सुरक्षित समझते है। एक रिसर्च रिपोर्ट में सामने आया है कि महिलाएं पुरुषों से ज्यादा कर्ज ले रही है। बैंक भी महिलाओं को कर्ज देने में ज्यादा रुचि दिखा रहा है। महिलाएं कर्ज उतारने में भी पुरुषों से आगे चल रही है। कर्ज सूचना देने वाली कंपनी ट्रांसयूनियन सिबिल ने यह आकलन पेश किया है।
एक अध्ययन नतीजों के मुताबिक, ५७ प्रतिशत महिलाओं का क्रेडिट स्कोर उन्हें ‘विशिष्ट’ श्रेणी में रखता है जबकि पुरुषों के मामले में यह आंकड़ा ५१ प्रतिशत है। खुदरा कर्ज को आम तौर पर अधिक सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इस श्रेणी के ज्यादातर कर्जों में घर जैसी संपत्तियों को गिरवी रखा जाता है। महिलाओं का कर्ज लेना देश की इकोनॉमी और सामाजिक विकास के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
देश में महिलाएं गोल्ड लोन, कंज्यूमर लोन और पर्सनल लोन लेना ज्यादा पसंद करती हैं। कंपनी ने कहा कि जब महिला कर्जदार काम करती हैं और वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर हो जाती हैं तो वे अपने जीवन के लक्ष्यों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए लोन अवसर तलाशती हैं। इन आंकड़ों के अनुसार, महिलाएं भी व्यापारिक लोन ले रही हैं और कुल कारोबारी लोन में महिलाओं की हिस्सेदारी ३२ प्रतिशत हो चुकी है।
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