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पेट्रोलियम-मुक्त भविष्य की आहट के साथ नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश के बारे में सोच रही हैं तेल कंपनियां

न्यूयॉर्क ,१३ दिसंबर। पेट्रोलियम कंपनियों के लिए रेड लाइट दिखनी शुरू हो गई है। कैलिफोर्निया की अगुवाई में कई अमेरिकी प्रांत और यूरोपीय संघ २०३५ में पेट्रोल और डीजल से चलने वाली नई कारों और वैन की बिक्री पर प्रतिबंध लगा देंगे। पेट्रोलियम उत्पादक कंपनियाँ पेट्रोल और डीजल के हाइवे से हटकर नवीकरणीय स्रोतों की ओर मुडऩे के लिए किसी संपर्क पगडंडी की तलाश में हैं।
एनएस एनर्जी के अनुसार, सऊदी अरब में किंग फहद यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड मिनरल्स के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर मैथियास जे पिकल कहते हैं, तेल कंपनियां अनिवार्य रूप से यह पता लगाने का प्रयास कर रही हैं कि दुनिया में वर्तमान में उपलब्ध नकदी देने वाली सबसे अच्छी दुधारू गाय को अपने स्थायी भविष्य के लाभ के लिए कैसे बदला जा सकता है।
उन्होंने लिखा, तेल की बड़ी कंपनियां घोषित ऊर्जा संक्रमण के लिए उत्तरोत्तर खुद को तैयार कर रही हैं और पवन तथा सौर ऊर्जा उद्योग में तेजी से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
भारत में, विशाल पेट्रोलियम पदचिह्न वाले रिलायंस समूह ने सौर, पवन, बैटरी, हाइड्रोजन और जैव-ऊर्जा प्लेटफॉर्म बनाने वाले एक नए ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र की योजना की घोषणा की है। रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने इस बदलाव के लिए ७५ हजार करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया है।
फ्रांसीसी तेल कंपनी टोटल ने इस साल घोषणा की कि वह पवन और सौर फार्म परियोजना में अडाणी ग्रीन एनर्जी के साथ एक संयुक्त उद्यम में ३० करोड़ डॉलर का निवेश करेगी। टोटल का कहना है कि वह लो-कार्बन एनर्जी में कुल मिलाकर पाँच अरब डॉलर का निवेश करेगा, जो तेल और गैस में उसके पूंजी निवेश से अधिक होगा। पवन और सौर ऊर्जा में टोटल का निवेश यूरोप और अमेरिका तक फैला हुआ है। तेल से समृद्ध कतर ने भी अडाणी ग्रीन एनर्जी में ५० करोड़ डॉलर का निवेश किया है।
ब्रिटिश तेल की दिग्गज कंपनी शेल ने भी वैकल्पिक ऊर्जा में अपने एक बड़े निवेश के लिए भारत का रुख किया है और सोलनेर्गी पावर प्राइवेट लिमिटेड को खरीदा है, जो पवन और सौर फार्म चलाती है और संबंधित बुनियादी ढांचे का प्रबंधन करती है, और स्प्रिंग एनर्जी ग्रुप को १.५ अरब डॉलर में खरीद रही है।
शेल ने पिछले साल और फिर इस साल नवीकरणीय क्षेत्र में ३.५ अरब डॉलर का निवेश किया।
अमेरिकी पेट्रोलियम दिग्गज एक्सॉन-मोबिल पवन और सौर की बजाय डी-कार्बोनाइजेशन, जैव ईंधन और हाइड्रोजन पर ध्यान केंद्रित करते हुए अन्य बड़ी तेल कंपनियों से अलग दृष्टिकोण अपना रही है। कंपनी की इन परियोजनाओं पर वर्ष २०२२ और २०१७ में १७ अरब डॉलर खर्च करने की योजना है।
केवल तेल कंपनियाँ ही नवीकरणीय ऊर्जा में नहीं जा रही हैं, बल्कि तेल उत्पादक भी उनके साथ हैं।
सऊदी अरब स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में २६६ अरब डॉलर के निवेश पर नजर गड़ाए हुए है जिसमें हाइड्रोजन का निर्यातक बनने की योजना भी शामिल होगी।
संयुक्त अरब अमीरात ने २०५० तक कार्बन न्यूट्रल बनने के लक्ष्य के साथ अगले सात वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा में ५४ अरब डॉलर का निवेश करने की योजना की घोषणा की है।
लेकिन नई ऊर्जा परिवर्तन का रास्ता आसान नहीं है।
नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश करने और जीवाश्म ईंधन घटक को कम करने की महत्वाकांक्षी योजना के साथ ब्रिटिश पेट्रोलियम ने सन् २००० में खुद को बियॉन्ड पेट्रोलियम के लिए बीपी के रूप में पुन: ब्रांड किया।
लेकिन यूरोप में सौर और पवन-संचालित उत्पादन और चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क में निवेश करने के बाद, इसने इस साल घोषणा की कि यह भू-राजनीतिक स्थिति और ऊर्जा सुरक्षा की आवश्यकता का हवाला देते हुए जीवाश्म ईंधन में निवेश बढ़ाएगी।

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