ऐसा लग रहा है कि केंद्रीय एजेंसियां सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी शराब नीति से जुड़े धनशोधन के कथित मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर शिकंजा कस रही है। इसी तरह से झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ शिकंज कसा था और अंत में वे गिरफ्तार हुए।
गिरफ्तारी से ठीक पहले उन्होंने इस्तीफा दिया और पार्टी के वरिष्ठ नेता चम्पई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया, जिनको राज्यपाल ने बाद में मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। अब सवाल है कि क्या अरविंद केजरीवाल को अगर ईडी गिरफ्तार करती है तो वे भी हेमंत सोरेन की तरह इस्तीफा देंगे या मुख्यमंत्री बने रहेंगे?
उन्होंने ईडी के पहले या दूसरे समन के बाद ही दिल्ली के लोगों के बीच एक कथित जनमत संग्रह कराया था, जिसमें लोगों से पूछा गया था कि अगर केजरीवाल गिरफ्तार होते हैं तो उनको इस्तीफा देना चाहिए या नहीं? आम आदमी पार्टी के मुताबिक इस सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने कहा कि केजरीवाल को इस्तीफा नहीं देना चाहिए। उनको जेल से ही सरकार चलानी चाहिए। इस जनमत संग्रह से पहले ही सरकार कह चुकी है कि केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे।
क्या वे सचमुच ऐसा कर सकते हैं? उससे भी बड़ा सवाल यह है कि अगर वे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देते हैं तो क्या वे देश के पहले मुख्यमंत्री होंगे, जो पद पर रहते हुए गिरफ्तार किए जाएंगे? यह बहुत दिलचस्प स्थिति है। अगर वे इस्तीफा देते हैं तो किसको मुख्यमंत्री बनाया जाएगा? आतिशी, सौरभ भारद्वाज या गोपाल राय?