नई दिल्ली ,१३ नवंबर। माइक्रोसॉफ्ट के स्वामित्व वाले एआई-पावर्ड प्लेटफॉर्म गिटहब के भारत में १३.२ मिलियन डेवलपर्स हैं। जिसमें से ३.५ मिलियन इस साल इस प्लेटफॉर्म से जुड़े हैं। भारत में डेवलपर्स वैश्विक स्तर पर गिटहब जेनरेटिव एआई परियोजनाओं में दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता हैं।
इस निरंतर और महत्वपूर्ण वृद्धि के साथ गिटहब का अनुमान है कि भारत २०२७ तक कुल डेवलपर आबादी में अमेरिका से आगे निकल जाएगा।
गिटहब में एपीएसी के उपाध्यक्ष शैरिन नेपियर ने कहा, भारत का बढ़ता डेवलपर समुदाय एक नवाचार पावरहाउस के रूप में देश की स्थिति के केंद्र में है। भारतीय डेवलपर्स को गिटहब पर जेनेरिक एआई परियोजनाओं में महत्वपूर्ण योगदान देते हुए देखना रोमांचक है, जो एआई परिदृश्य में भारत के बढ़ते महत्व को उजागर करता है, साथ ही देश के डेवलपर्स सीधे दुनिया भर में एआई नवाचार के भविष्य को आकार दे रहे हैं।
गिटहब की स्टेट ऑफ द ऑक्टोवर्स रिपोर्ट के २०२३ संस्करण से पता चला है कि जेनरेटिव एआई १४८ प्रतिशत साल-दर-साल वृद्धि के साथ जेनरेटर एआई परियोजनाओं में व्यक्तिगत योगदानकर्ताओं में एक महत्वपूर्ण और वैश्विक वृद्धि ला रहा है।
विशेष रूप से, अमेरिका, भारत और जर्मनी डेवलपर समुदायों के बीच अग्रणी हैं, जबकि यूके, जापान, हांगकांग और फ्रांस सहित अन्य क्षेत्र इसके बाद हैं।
भारत के डेवलपर समुदाय ने साल-दर-साल लगातार वृद्धि का अनुभव किया है, जिसमें २०२३ में ३६ प्रतिशत की वृद्धि भी शामिल है।
भारत अपने और अन्य देशों के लिए डिजिटल भुगतान और ईकॉमर्स सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए सॉफ्टवेयर कोड से लेकर एआई मॉडल तक खुली सामग्रियों के साथ अपने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है।
