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यीशु के प्रेम संदेश की आवश्यकता

आज क्रिसमस है। यह एक ऐसा त्यौहार है जो विश्व के लगभग हर देश में विभिन्न स्वरूपों में मनाया जाता है। क्रिसमस यीशु मसीह के जन्म का जश्न मनाने का समय है, जो मानवता के लिए भगवान के प्यार के उपहार के रूप में पृथ्वी पर आए थे। उन्होंने हमें मतभेदों की परवाह किए बिना ईश्वर से प्रेम करना और एक-दूसरे से प्रेम करना सिखाया। उन्होंने हमें सांसारिक संपत्ति या शक्ति के माध्यम से नहीं, बल्कि सेवा और बलिदान के माध्यम से शांति और आनंद का मार्ग दिखाया। वह हमें हमारे पापों से बचाने और हमें अनन्त जीवन देने के लिए क्रूस पर बलिदान हो गये।
आज, पहले से कहीं अधिक, हमें क्रिसमस के सही अर्थ को याद रखने और यीशु के उदाहरण का अनुसरण करने की आवश्यकता है। हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जो युद्ध , घृणा, हिंसा, अन्याय और पीड़ा से भरी है। हम नस्ल, धर्म, राजनीति और विचारधारा से विभाजित हैं। हम अक्सर स्वार्थी, लालची और दूसरों की जरूरतों के प्रति उदासीन होते हैं। हम भूल जाते हैं कि हम सभी ईश्वर की संतान हैं और हमें उनके प्रेम और भाईचारे का साधन बनने का वरदान दिया गया है। भारतीय संस्कृति भी इसी प्रकार विश्व बंधुत्व को अपना मूल मानते हुए सर्वे भवंतु सुखिनः का संदेश देती है।
इस क्रिसमस, आइए हम यीशु के प्रेम संदेश को जन-जन तक पहुंचाएं। आइए हम उन लोगों तक पहुंचें जो अकेले हैं, दुखी हैं या जरूरतमंद हैं। आइए हम उन लोगों को माफ करें जिन्होंने हमारे साथ अन्याय किया है और सुलह की तलाश करें। आइए हम अपना आशीर्वाद और अपनी खुशी दूसरों के साथ साझा करें। आइए हम क्रिसमस को सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि जीवन का एक तरीका बनाएं।

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