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मंदिर

मंदिर शब्द का अर्थ है मन से दूर कोई स्थान अर्थात ऐसा पवित्र स्थान जहां मन और ध्यान अध्यात्म के अलावा किसी अन्य चीज पर न जाए। मंदिर को आलय भी कहा जा सकता है, जैसे- शिवालय, जिनालय इत्यादि। जब हम मंदिर जाते हैं तब हमारा मन भोग, विलास, काम, अर्थ, क्रोध इत्यादि से दूर हो जाता है। यहां व्यक्ति को आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है और मन शांत रहता है।
प्राचीन काल से मंदिरों की बनावट वास्तु शास्त्र के अनुसार की जा रही है। इसलिए यहां आने से व्यक्ति पर नकारात्मक शक्तियों का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है और मन सीधे-सीधे भगवान से जुड़ जाता है। मंदिर में रहकर भगवान की आराधना व ध्यान करने से मन को आत्मिक संतुष्टि भी प्राप्त होती है और इसे भगवान की आराधना के लिए आवश्यक माना जाता है।

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