नई दिल्ली। स्टार्टअप इकोसिस्टम को राहत देते हुए केंद्र सरकार ने गुरुवार को स्टार्टअप और सरकारी वेल्थ तथा पेंशन फंड द्वारा किए गए निवेश के लिए कर लाभ को मार्च २०२५ तक बढ़ाने की घोषणा की।
स्टार्टअप और सरकारी वेल्थ या पेंशन फंड द्वारा किए गए निवेश के लिए कुछ कर लाभ पर कर छूट इस साल ३१ मार्च को समाप्त हो रही है। इसके अलावा कुछ अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) इकाइयों की कतिपय आय पर कर लाभ को भी एक साल के लिए बढय़ा गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा, निरंतरता प्रदान करने के लिए मैं तारीख को ३१ मार्च २०२५ तक बढ़ाने का प्रस्ताव करती हूं।
उन्होंने कहा, जहां तक कर प्रस्तावों का सवाल है, परंपरा को ध्यान में रखते हुए, मैं कराधान से संबंधित कोई बदलाव करने का प्रस्ताव नहीं कर रही हूं, और आयात शुल्क सहित प्रत्यक्ष करों और अप्रत्यक्ष करों के लिए समान कर दरों को बनाए रखने का प्रस्ताव करती हूं।
यूनिकॉर्न इंडिया वेंचर्स के मैनेजिंग पार्टनर अनिल जोशी ने कहा कि स्टार्टअप्स के लिए कर छूट का विस्तार एक अच्छा संकेत है और नाममात्र या शून्य ब्याज दर पर सनराइज सेगमेंट के लिए एक लाख करोड़ रुपये का प्रावधान निश्चित रूप से छोटे व्यवसायों को मदद करेगा।
उन्होंने कहा, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर में कोई बदलाव की उम्मीद नहीं थी, हालांकि जुलाई २०२४ में प्रस्तावित पूर्ण बजट में हमें नई दरें देखने को मिल सकती हैं।
