नई दिल्ली। क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर भी डीपफेक का शिकार हो गए हैं। तेंदुलकर का एक डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह गेमिंग ऐप का प्रचार करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में न केवल सचिन को ऐप की वकालत करते हुए दिखाया गया है, बल्कि यह भी झूठा दावा किया गया है कि उनकी बेटी सारा उस ऐप से वित्तीय लाभ उठा रही हैं।
‘मास्टर ब्लास्टर’ ने तकनीक के दुरुपयोग पर अपने विचार रखने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया, और गलत सूचना के प्रसार के खिलाफ सतर्कता और तुरंत कार्रवाई का आग्रह किया। तेंदुलकर ने डीपफेक वीडियो को शेयर करते हुए एक्स पर लिखा, ये वीडियो फेक है। तकनीक के बड़े स्तर पर दुरुपयोग को देखना परेशान करने वाला है। सभी से अनुरोध है कि वे बड़ी संख्या में ऐसे वीडियो, विज्ञापनों और ऐप्स की शिकायत करें।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को शिकायतों के प्रति सतर्क और तुरंत कार्यवाई करने की जरूरत है। गलत सूचना और डीपफेक के बढ़ते चलन को रोकने के लिए उनकी ओर से तुरंत कार्रवाई करना बेहद महत्वपूर्ण है।
क्या है डीपफेक?
दरअसल डीपफेक अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके तैयार किया गया सिंथेटिक मीडिया का एक रूप है, जो वीडियो और ऑडियो दोनों में हेरफेर करने के लिए एक एल्गोरिद्म का उपयोग करता है। यह तब चलन में आया, जब २०१७ में एक उपयोगकर्ता ने हेरफेर किए गए वीडियो साझा करने के लिए एक मंच पेश किया। तब से, डीपफेक तकनीक लगातार विकसित होती रही, जो साइबर अपराधियों के लिए व्यक्तियों, कंपनियों या यहां तक कि सरकारों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का एक हथियार बन गई है। सोशल मीडिया, जहां सूचनाएं तेजी से फैलती हैं, डीपफेक से होने वाला संभावित नुकसान चिंताजनक है।
