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Rs 243 crore grant to IIT Madras for research on artificial diamond technology

कृत्रिम हीरा प्रौद्योगिकी पर अनुसंधान के लिए आईआईटी मद्रास को २४३ करोड़ रु का अनुदान

नयी दिल्ली, २५ फरवरी। प्रयोगशाला में उत्पन्न हीरों (एलडीजी) के कारोबार और निर्यात प्रोत्साहित करने के लिए इस बार के बजट में प्रस्तावित योजना के तहत भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-मद्रास (आईआईटी-मद्रास) को शोध केंद्र विकसित करने के लिए २४२.९६ करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार अनुदान की यह राशि पांच वर्ष में दी जाएगी । इससे आईआईटी मद्रास में भारतीय प्रयोगशाला उत्पन्न हीरा केंद्र (इनसेंट-एलडीजी) स्थापित किया जाएगा। सरकार और रत्न-आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों की संयुक्त समिति द्वारा आईआईटी-मद्रास की क्षमता के आकलन के बाद वहां लैब उत्पन्न हीरा प्रौद्योगिकी विकास केंद्र स्थापित किए जाने का निर्णय किया गया है। इस संबंध में वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल की अध्यक्षता में परियोजना आकलन समिति की सिफिरिश को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंजूरी दी।
इस माह में शुरू में प्रस्तुत वर्ष २०२३-२४ के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलजीडी मशीनरी, सीड तथा सामग्री के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहन देने देश के किसी एक आईआईआई को इस क्षेत्र में अनुसंधान केंद्र स्थापित करने के लिए अनुदान दिए जाने की घोषणा की थी।
मंत्रालय ने कहा है कि इस परियोजना का उद्येश्य घरेलू उद्योगों और उद्यमियों को मिशन के रूप में प्रौद्योगिकी केमिकल वेपर डिपॉजिशन (रासायनिक वाष्प निक्षेप) वीसीडी और हाई प्रेसर एंड हाई टेम्प्रेचर (उच्च दाब एवं उच्च ताप) एचपीएचटी -दोनों प्रकार की प्रणालियों के साथ साथ एलजीडी हीरे के लिए सामग्री के देश में ही विकास के माध्यम से घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करना है।

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