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कोरोना से संक्रमित गर्भवती माओं के शिशुओं के मोटापा, मधुमेह और हृदय संबंधी बीमारी का खतरा

ओटावा, ३० मार्च। कोरोना महामारी के दौरान जो माएं गर्भवती हुईं थीं उनके बच्चे के मोटापा से ग्रसित होने की संभावना अधिक है। इस तथ्य का खुलासा एक स्टडी में हुई है। शोधकर्ताओं ने अमेरिकी महिलाओं में पाया की उनकी गर्भावस्था के दौरान कोरोना से संक्रमित होने पर इसका असर उनके गर्भस्थ शिशु पर पड़ा और जब शिशु का जन्म हुआ तो उनका वजन अपेक्षाकृत कम था, लेकिन जल्दी हैं उनका वजन सामान्य शिशुओं की अपेक्षा अधिक तेजी से बढ़ने लगा। शोधकर्ताओं ने इससे निष्कर्ष निकाला कि कोरोनावायरस के कारण शिशु के वजन पर असर पड़ता है। ऐसे शिशुओं के उम्र बढ़ने के साथ-साथ मोटापा, डायबिटीज और हृदय संबंधी बीमारियां से ग्रसित होने की आशंका बढ़ जाती है।
मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल की एक डॉक्टर लिंडसे की फोरमैन जो इस स्टडी के ऑथर में से एक है, ने कहा कि गर्भवती महिलाओं एवं उनके बच्चों पर कोरोना संक्रमण के प्रभाव के और अध्ययन की आवश्यकता है। इसके बाद ही अंतिम रूप से निष्कर्ष के रूप में कुछ कहा जा सकता है। इसके पूर्व जो अध्ययन हुए थे उनमें यह सामने आया था कि गर्भवती महिलाओं के लिए कोरोना संक्रमण सामान्य महिलाओं के मुकाबले अधिक खतरनाक होता है। शोधकर्ताओं ने ऐसे २८० नवजात बच्चों के ऊपर अध्ययन किया , जिनकी माताएं २०२१ में कोरोना काल के दौरान संक्रमित हुईं थीं और जिनका इलाज मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल में हुआ था।
लगभग १५० ऐसे नवजात शिशु थे जिनकी माएं गर्भावस्था के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित हुई थीं और १३० ऐसे शिशु थे, जिनकी माएं स्वस्थ थीं और उन्हें व्यवस्था के दौरान कोरोना संक्रमण नहीं हुआ था। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह अध्ययन बहुत कम समय में हुआ है। इसलिए इसके जो निष्कर्ष निकले हैं उस पर अधिक विश्वास नहीं किया जा सकता है। इस पर और गहन अध्ययन की आवश्यकता है।

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