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प्रसिद्ध गणितज्ञ डॉ. मंगला जे. नार्लीकर ने दुनिया को कहा अलविदा, कैंसर से थी पीड़ित

पुणे, १८ जुलाई । कैंसर से पीड़ित प्रसिद्ध गणितज्ञ डॉ. मंगला जे. नार्लीकर का सोमवार को निधन हो गया, उनके एक पूर्व सहयोगी ने यह जानकारी दी। डॉ. मंगला जे. नार्लीकर ८० वर्ष की थीं। वह लंबे समय से कैंसर से लड़ रही थी। उनके पति डॉ. जयंत नार्लिकर प्रख्यात खगोल भौतिकीविद् और ब्रह्मांड विज्ञानी है। उनकी तीन बेटियां लीलावती, गिरिजा, और गीता हैं।
१७ मई १९४३ को मुंबई में जन्मी नार्लीकर ने १९६४ में मुंबई विश्वविद्यालय के एमए (गणित) स्ट्रीम में टॉप किया और दो साल के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स में एक शोधकर्ता के रूप में शामिल हुई।
बाद में वह कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय चली गईं और १९६९ तक वहां पढ़ाया। १९८० तक एक शिक्षक के रूप में टीआईएफआर में लौट आईं और इस बीच उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से गणित में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
डॉ. नार्लीकर की वास्तविक और जटिल विश्लेषण, विश्लेषणात्मक ज्यामिति, संख्या सिद्धांत, बीजगणित और टोपोलॉजी में रुचि थी। उन्होंने शुद्ध गणित में शोध किया था।
इन वर्षों में उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय, पुणे विश्वविद्यालय और भास्कराचार्य प्रतिष्ठान में एमएससी के छात्रों को पढ़ाया। भारत और विदेशों के अन्य संस्थानों में व्याख्यान दिए। गणित पर कई विद्वानों के शोध पत्र लिखे और इस विषय पर दो किताबें भी लिखीं। उन्होंने विज्ञान में महिलाओं के हित का पुरजोर समर्थन किया था।

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