ओटावा,११ जून। कैनेडा सरकार के देश से निर्वासित करने के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे भारतीय छात्रों को एक बड़ी राहत हासिल हुई है। ट्रूडो सरकार ने लवप्रीत सिंह के खिलाफ शुरू की गई निर्वासन की कार्रवाई को अगले नोटिस तक के लिए रोक दिया है। लवप्रीत सिंह मूल रूप से पंजाब के रहने वाले हैं। इससे पहले कैनेडियन बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी ने सिंह को १३ जून तक देश छोड़ने का निर्देश दिया था। अधिकारियों द्वारा लवप्रीत सिंह को देश से बाहर भेजने की कार्रवाई शुरू करने के बाद ५ जून को टोरंटो में विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ।
एक रिपोर्ट के मुताबिक कैनेडा के अधिकारियों ने पाया था कि लवप्रीत सिंह छह साल पहले जिस ऑफर लेटर के आधार पर स्टडी परमिट पर कैनेडा में दाखिल हुए थे, वह फर्जी था। सिंह मुसीबत में फंसे उन ७०० भारतीय छात्रों में शामिल थे, जिन्हें कैनेडियन अधिकारियों ने फर्जी दस्तावेजों को लेकर निर्वासन नोटिस दिया था। भारत से आम आदमी पार्टी के सांसद और विश्व पंजाबी संगठन के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रमजीत सिंह साहनी ने कहा कि कैनेडा सरकार ने उनके अनुरोध के बाद और भारतीय उच्चायोग के सहयोग से ये फैसला लिया।
पंजाब एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने भी शुक्रवार को कैनेडा में भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और भारत में कैनेडा के उच्चायुक्त कैमरन मैके को पत्र लिखकर कैनेडा से निर्वासन का सामना कर रहे ७०० छात्रों के मुद्दे को हल करने के लिए कहा था।
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