नई दिल्ली । केदारनाथ आपदा के बाद से लगातार हर साल सालों की संख्या में भक्त उत्तराखंड के चारधाम की यात्रा कर रहे हैं। उत्तराखंड के चारधाम की यात्रा में भक्त यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ की यात्रा करते हैं। कई भक्त जहां सभी धामों की यात्रा करते हैं, तो कई भक्त एक या दो धाम की यात्रा भी करने के लिए आते हैं।
गंगोत्री और बदरीनाथ में आप जहां सड़क के माध्यम से आसानी से पहुंच सकते हैं, तो वहीं यमुनोत्री और केदारनाथ में आपको चलना पड़ता है। भक्तों को सबसे ज्यादा केदारनाथ यात्रा के दौरान चलना पड़ता है। हालांकि आप हेलीकॉप्टर के माध्यम से केदारनाथ आसानी से पहुंच सकते हैं। इस साल चारधाम यात्रा १० मई से शुरू हो रही है।
वहीं, चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों को आज यानी आठ अप्रैल २०२४ से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू हो गई है। आपको बता दें कि कि सरकार की ओर से किसी भी यात्री को पंजीकरण के बिना चार धाम पर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
ऐसे में चार धाम यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए यह जरूरी है कि यात्रा पर जाने से पहले अपना रजिस्ट्रेशन जरूर करवा लें। चारधाम के लिए पर्यटन विभाग ने पंजीकरण के लिए तैयारी पूरी कर ली हैं। इस बार पंजीकरण के बाद पर्ची पर यात्रियों को आवश्यक मोबाइल नंबर भी मिलेंगे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें, केदारनाथ धाम के कपाट १० मई को सुबह ७ बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। चमोली जिले में स्थित भगवान विष्णु को समर्पित बदरीनाथ धाम के कपाट १२ मई को बह्ममुहूर्त का तीर्थ यात्रियों के लिए खुलेंगे। बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तारीखों का ऐलान बसंत पंचंमी के दिन हुआ था। जबकि, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट अक्ष्य तृतीया के दिन खुलेंगे।
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