अयोध्या। श्री राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अनुष्ठान शुरू हो गए हैं। बुधवार को पालकी में विराजित रामलला को मंदिर परिसर में भ्रमण कराया गया। हालांकि, यह असली मूर्ति नहीं है जो गर्भगृह में स्थापित होगी और न ही इस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी, इसे एक प्रतीकात्मक मूर्ति बताया जा रहा है जिसका मंदिर परिसर में भ्रमण करवाया गया है। शाम को रामलला की २०० किलो वजन की नई मूर्ति का परिसर भ्रमण होना था, लेकिन भारी वजन के चलते फैसला बदला गया। बाद में रामलला की १० किलो की चांदी की मूर्ति को रामजन्म भूमि परिसर का भ्रमण कराया गया। इससे पहले दिन में ढाई बजे निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास और पुजारी सुनील दास ने अयोध्या राम मंदिर के ‘गर्भ गृह’ में पूजा की। इसके बाद महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली। आज ही रामलला गर्भगृह में विराजमान होंगे। इसके साथ ही यज्ञ मंडप के १६ स्तंभों और चारों द्वारों का पूजन भी हुआ।
प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के मुख्य आचार्य पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित ने बताया कि १६ स्तंभ १६ देवताओं के प्रतीक हैं। इनमें गणेश, विश्वकर्मा, बह्मा, वरुण, अष्टवसु, सोम, वायु देवता को सफेद वस्त्रत्त् जबकि सूर्य, विष्णु को लाल वस्त्रत्त्, यमराज-नागराज, शिव, अनंत देवता को काले और कुबेर, इंद्र, बृहस्पति को पीले वस्त्रों में निरुपित किया जाएगा।
