अयोध्या। भव्य राम मंदिर में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमारे राम आ गये हैं, सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आ गये हैं, कंठ अवरुद्ध है, चित्त उस पल में लीन है, हमारे राम लला अब टेंट में नहीं रहेंगे, रामलला दिव्य मंदिर में रहेंगे। ये पल पवित्रतम है, आज नव इतिहास का सृजन हो गया है, ये समय सर्वकालिक अमिट रेखाएं खींच रहा है। संविधान में भगवान राम विराजमान हैं, न्यायपालिका ने न्याय की लाज रख ली ,आज शाम दीपोत्सव मनाइए, सागर से सरयू तक उत्सव भाव छाया हुआ है। भारतीयों के मन में राम हैं, पर्व से परंपराओं तक में राम हैं, राम रस जीवन प्रवाह की तरह बहता रहता है, राम कथा असीम है, रामायण अनंत है। कुछ लोग कहते थे राम मंदिर बना तो आग लग जायेगी, वो लोग भारत के आपसी सद्भाव को नहीं समझ पाय। यह मंदिर आग नहीं, ऊर्जा को जन्म दे रहा है। विरोधी सुनें-राम आग नहीं, राम ऊर्जा हैं, राम सबके हैं, राम विवाद नहीं समाधान हैं। राम अनंत काल हैं, यह राम लला की प्राण प्रतिष्ठा नहीं अपितु भारत की संस्कृति की प्राण प्रतिष्ठा है। यह मंदिर मात्र एक देव मंदिर नहीं है ,यह भारत के दर्शन का मंदिर है, यह भारत की चेतना का मंदिर है। राम भारत की चिंतन हैं, राम विश्वास हैं व्यापक हैं, राम नीति हैं, राम निरंतर हैं। सवाल है मंदिर तो बन गया अब आगे क्या – इसलिए मैं कहता हूँ- कालचक्र बदल रहा है, हमारी पीढ़ी को कालचक्र ने चुना है। यही समय है सही समय है, आगे एक हज़ार साल के समर्थ, सक्षम, भव्य, दिव्य, भारत की नींव रखनी है। आदिवासी माँ शबरी का ध्यान आते ही विश्वास जागृत होता है कि राम आयेंगे। देव से देश, राम से राज्य की चेतना का विस्तार, निषादराज और राम का संबंध अपनत्व विश्वास के संबंध का संदेश देता है। कोई छोटा नहीं है, गिलहरी को याद करिये, छोटे बड़े हर प्रयास की अपनी ताक़त होती है। संकल्प लीजिए राम काज से राष्ट्र काज के लिये पल पल लगा देंगे। अहम से वयम की ओर चलना है। भारत को वैभवशाली बनाना है, ये अमृत काल है, युवा ऊर्जा से भरा हुआ है, हमे अब चूकना नहीं है, युवाओं अब बैठना नहीं है, चाँद से सूर्य तक नवप्रभात हो रहा है ,इसे अनंत तक ले जाना है। ये मंदिर साक्षी बनेगा भव्य भारत के अभ्युदय का, अगर लक्ष्य प्रमाणिक हो तो उसे प्राप्त करना असंभव नहीं है। अब हम रुकेंगे नहीं विकास की ऊँचाई तक जायेंगे। आज २२ जनवरी को अयोध्या में राम लाल प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरा हो चुका है। राम लला अपने स्थान पर विराजमान हो चुके हैं। राम लला के विराजमान होते ही जहां पूरा देश भावुक हो गया वहीं दूसरी ओर जय श्रीराम के नारों से भी पूरा देश गूंज उठा।
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद जहां सबसे पहले सीएम योगी ने संबोधन किया उसके बाद संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत ने लोगों को संबोधित किया। इसके बाद पीएम मोदी ने भी संबोधन शुरू करने से पहले सभी भारतवासियों के सामने हाथ जोड़कर कहा साथियों सभी को राम आज प्रभु राम आ गये हैं। पीएम मोदी ने कहा कि सदियों की प्रतिक्षा के बाद आज हमारे प्रभु राम आ गये हैं। हमारे राम लला अब टेंट में नहीं रहेंगे। हमारे राम लला अब इस दिव्य मंदिर में रहेंगे। पीएम मोदी ने कहा मेरा पक्का विश्वास है। जो कृतित हुआ है इसकी अनुभूति देश व विश्व के कोने-कोने में राम भक्तों में हो रही होगी। ये माहौल ये वातारण ये उर्जा, ये घड़ी सब पर प्रभु राम का आर्शीवाद है। पीएम मोदी ने कहा आज २२ जनवरी का ये सूरज एक अदभुत आभा लेकर आया है। ये एक नये काल चक्र का उ्दगम है। पीएम मोदी ने कहा राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद से हर दिन पूरे देश में हर दिन उमंग व उत्साह लोगों में बढ़ता जा रहा है। निर्माण कार्य देखकर हर दिन लोगों में विश्वास बढ़ता जा रहा था। आज हमें सदियों की धरोहर मिली है। आज हमें प्रभु राम का मंदिर मिला है। पीएम मोदी ने कहा कि आज के हजार के साल बाद भी आज के इस पल की चर्चा लोग करेंगे। पीएम मोदी ने कहा ये कितनी बड़ी प्रभु श्रीराम की कृपा है कि हम सब इस पल को जी रहे हैं। इसे साक्षात घटित होते देख रहे हैं। आज का दिन दिशायें दिव्यता से परिपूर्ण है। पीएम मोदी ने कहा ये समय सामान्य समय नहीं है। ये कालचक्र पर अमिट स्मृति है। हम सभी जानते हैं कि जहां राम का काम होता है वहां पवन पुत्र हनुमान अवश्य विराजमान होते हैं। इसलिए मैं रामभक्त हनुमान व हनुमान गढ़ी को प्रणाम करता हूं। मैं माता जानकारी, भरत, शत्रुघ्न, लक्ष्मण सभी को प्रणाम करता हूं। मैं दिव्य आत्माओं को भी नमन करता हूं जिनके वजह से आज ये कार्य पूरा हुआ।
पीएम मोदी ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के बाद से देशवासियों में नया उत्साह पैदा हो रहा था। आज हमें सदियों की धरोहर मिली है, श्रीराम का मंदिर मिला है। गुलामी की मानसिकता को तोड़कर उठ खड़ा होता राष्ट्र ऐसे ही नव इतिहास का सृजन करता है। आज से हजार साल बाद भी लोग आज के इस पल, तारीख की चर्चा करेंगे। राम की कितनी बड़ी कृपा है कि हम सब इस पल को घटित होते देख रहे हैं। मैं पावन अयोध्यापुरी और सरयू को भी प्रणाम करता हूं। मैं इस समय दैवीय अनुभूति कर रहा हूं। वे दैवीय अनुभूतियां भी हमारे आसपास उपस्थित हैं, उन्हें कृतज्ञतापूर्वक नमन करता हूं। प्रभु राम से क्षमायाचना भी करता हूं। हमारे त्याग, तपस्या, पूजा में कोई तो कमी रह गई होगी कि इतने साल ये काम नहीं कर पाए। आज ये कमी पूरी हुई। मुझे विश्वास है कि प्रभु राम हमें अवश्य क्षमा करेंगे।
जो विपत्ति आई थी वह खत्म हो गई
-पीएम मोदी ने कहा कि त्रेता में राम आगमन पर तुलसी ने लिखा- प्रभु के अयोध्या आगमन से सभी देशवासी हर्ष से भर गए। जो विपत्ति आई थी, वो खत्म हो गई। वो १४ वर्षों का था। अब तो हमने सैकड़ों वर्षों का वियोग सहा है। भारत के संविधान की पहली प्रति में भगवान राम विराजमान हैं। दशकों तक प्रभु राम के अस्तित्व पर कानूनी लड़ाई चली। मैं न्यायपालिका का शुक्रगुजार हूं कि उसने लाज रख ली। आज गांव-गांव में कीर्तन-संकीर्तन हो रहे हैं। स्वच्छता अभियान चल रहा है। देश दीपावली बना रहा है। आज शाम घर-घर राम ज्योत जलेगी। कल मैं धनुषकोडि में था। जिस घड़ी राम समुद्र पार करने निकले थे, उसे कालचक्र बदला था। अब कालचक्र फिर बदलेगा। पीएम मोदी ने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि अनुष्ठान के दौरान सागर से सरयू तक की यात्रा का मौका मिला। राम भारतवासियों के मन में विराजे हुए हैं। किसी के भी मन को छुएंगे तो एकत्व की अनुभूति होगी। मुझे देश के कोने-कोने में रामायण सुनने का अवसर मिला। मोदी ने कहा पिछले ११ दिनों में रामायण अलग-अलग राज्यों में, अलग-अलग भाषाओं में सुनने का मौका मिला। ऋषियों ने कहा है कि जिसमें रम जाएं, उसी में राम है। हर युग में लोगों ने राम को जिया है। हर युग में लोगों ने अपने-अपने शब्दों, अपनी-अपनी तरह राम को व्यक्त किया है। ये राम रस निरंतर बहता रहता है। पीएम मोदी ने कहा ये क्षण विजय ही नहीं, विनय का भी है। कई राष्ट्र अपने ही इतिहास में उलझ जाते हैं। पीएम ने कहा जब भी उन्होंने इतिहास की गांठें सुलझाने का प्रयास किया तो मुश्किल परिस्थितियां बन गईं। हम जिस गांठ को भावुकता और समझदारी के साथ खोला है, वो बताता है कि भविष्य बहुत सुंदर होने जा रहा है। कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। राम मंदिर किसी आग को नहीं, ऊर्जा को जन्म दे रहा है। ये समन्वय, उज्ज्वल भविष्य के पथ पर बढऩे की प्रेरणा लेकर आया है। राम आग नहीं, ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं। राम सिर्फ हमारे नहीं, सबके हैं। राम वर्तमान नहीं, अनंत काल हैं। आज रामलला की प्रतिष्ठा, वसुधैव कुटुंबकम् की भी प्रतिष्ठा है। ये राम के रूप में साक्षात भारतीय संस्कृति की प्राण प्रतिष्ठा है। साथ ही मानवीय मूल्यों की प्राण प्रतिष्ठा है।
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