नई दिल्ली। गूगल और भारतीय ऐप डेवलपरों के बीच खींचतान में इंडस ऐपस्टोर को फायदा होता दिख रहा है। गूगल प्ले स्टोर और ऐपल के ऐप स्टोर की प्रतिस्पर्धी बनने के इरादे से फोनपे के इंडस ऐपस्टोर ने अपनी शुरुआत के पहले दो सप्ताह के भीतर उपयोगकर्ताओं की खासी दिलचस्पी देखी है।
कंपनी ने कहा कि पिछले महीने २००,००० ऐप के साथ शुरुआत करने के बाद से इंडस को दो सप्ताह के भीतर ५००,००० से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है और जल्द ही १० लाख उपयोगकर्ताओं का स्तर हासिल करने वाला है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी कहा कि साल के अंत तक यह ऐपस्टोर २५ करोड़ से ३० करोड़ स्मार्टफोन में होगा।
इंडस ऐपस्टोर के मुख्य उत्पाद अधिकारी और सह-संस्थापक आकाश डोंगरे ने बताया कि बड़ी संख्या में ऐप और गेम डेवलपर ऐप स्टोर पर अपनी एप्लिकेशन सूचीबद्ध कराने लगे हैं। पिछले कुछ सप्ताह के दौरान हजारों डेवलपरों ने अपनी एप्लिकेशन सूचीबद्ध की हैं।
पिछले महीने फोनपे ने भारत के लिए अधिक प्रतिस्पर्धी और स्थानीय मोबाइल ऐप स्टोर वाली अर्थव्यवस्था बनाने के लिए खास तौर पर भारतीय बाजार के लिए इंडस की शुरुआत करने का ऐलान किया था।
इंडस पर उपयोगकर्ताओं और ऐप की सूचीबद्धता में यह इजाफा भारतीय डेवलपरों और प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज गूगल के बीच उसकी बिलिंग नीति को लेकर चल रहे विवाद के बीच हुआ है। १ मार्च को गूगल ने ऐलान किया था कि उसने अपने यूजर चॉइस बिलिंग (यूसीबी) सिस्टम का कथित रूप से अनुपालन न करने पर अपने प्ले स्टोर से १० डेवलपरों की ऐप हटा दी हैं।
इनमें शादी, भारत मैट्रिमोनी, बालाजी टेलीफिल्म्स का ऑल्ट (जिसका नाम पहले ऑल्ट बालाजी था), ऑडियो प्लेटफॉर्म कुकू एफएम, डेटिंग सर्विस क्वैक क्वैक और इन्फो एज ग्रुप की नौकरी डॉट कॉम तथा ९९ एकड़ जैसी २०० से अधिक ऐप शामिल थीं।
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