मुंबई ,२० नवंबर । भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए पर्सनल लोन के नियमों में बदलाव करते हुए उन्हें और कड़ा कर दिया है। संशोधित मानदंड के अनुसार वित्तीय संस्थानों के जोखिम भार में २५ प्रतिशत अंक की वृद्धि कर दी गई है। इस बात की संभावना है कि केंद्रीय बैंक के इस कदम से आने वाले समय में पर्सनल लोन लेना महंगा हो सकता है।
आरबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध नोटिफिकेशन में कमर्शियल बैंकों को लेकर जो नियम जारी किया गया है उसके मुताबिक, कंज्यूमर क्रेडिट यानी कंज्यूमर लोन के लिए रिस्क वेटेज को १०० प्रतिशत से बढ़ाकर १२५ प्रतिशत कर दिया गया है। यह नए और पुराने दोनों लोन पर लागू होगा। इसमें पर्सनल लोन शामिल किया गया है। हालांकि हाउसिंग लोन, एजुकेशन लोन, व्हीकल लोन और गोल्ड लोन को अलग रखा गया है।
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