नई दिल्ली, १७ मार्च। भारतीय नौसेना अमेरिका में आयोजित एक नौसैनिक पहले अभ्यास का हिस्सा बन रही है। भारत और अमेरिका के अलावा इस सैन्य अभ्यास में जापानी, कैनेडा और कोरिया गणराज्य की नौसेना हिस्सा लेने जा रही है। इसके लिए भारतीय नौसेना का पी-८ विमान अमेरिका के ग्वाम में पहुंच गया है, जहां वह एक्सरसाइज सी-ड्रैगन २३ में हिस्सा लेगा। यह अमेरिका की नौसेना द्वारा संचालित तीसरा सैन्याभ्यास है, जिसमें लंबी दूरी वाले एमआर एएसडब्लू विमानों के लिए बहुपक्षीय एएससडब्लू अभ्यास आयोजित किया जाता है।
भारतीय रक्षा मंत्रालय के मुताबिक अमेरिका में यह सैन्याभ्यास १५ मार्च से ३० मार्च, २०२३ तक चलेगा। इस दौरान सैन्याभ्यास में हिस्सा लेने वाले देश पनडुब्बी-रोधी संयुक्त कार्रवाई का अभ्यास करेंगे। इन सैन्याभ्यासों की सघनता और दायरे को पिछले कई वर्षों के दौरान लगातार बढ़ाया जाता रहा है, ताकि उन्नत एएसडब्लू अभ्यास को शामिल किया जा सके।
अभ्यास के दौरान सी-ड्रैगन २३ की क्षमताओं की परख की जाएगी। इस सिलसिले में भारतीय नौसेना के विमान अन्य विमानों के साथ पानी के भीतर स्थित लक्ष्यों को भेदने का प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ ही आपस में विशेषज्ञता का आदान-प्रदान भी किया जायेगा। सैन्याभ्यास में पी-८आई भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व करेगा, जबकि अमेरिकी नौसेना का पी८ए, जापानी समुद्री आत्मरक्षा बल का पी१, कैनेडा की शाही वायुसेना की सीपी १४० और कोरिया गणराज्य की नौसेना का पी3सी विमान हिस्सा लेगा।
सैन्याभ्यास का उद्देश्य है मित्र नौसेनाओं के बीच बेहतर समन्वय और तालमेल बैठाना, जो उनके साझा मूल्यों तथा मुक्त व समावेशी हिंद-प्रशांत के लिये संकल्प पर आधारित है।
इससे पहले हाल ही में भारत समेत बहुपक्षीय युद्धाभ्यास ला पेरोस का तीसरा संस्करण १३ से १४ मार्च २०२३ को हिंद महासागर क्षेत्र में आयोजित किया गया है। इस संस्करण में रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना, फ्रांसीसी नौसेना, भारतीय नौसेना, जापानी मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स, रॉयल नेवी और यूनाइटेड स्टेट्स नेवी के कर्मियों, जहाजों और इन्टिग्रल हेलीकाप्टरों की भागीदारी रही।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि स्वदेश निर्मित गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस सह्याद्रि और फ्लीट टैंकर आईएनएस ज्योति युद्धाभ्यास के इस संस्करण में लिया। इस युद्धाभ्यास में भारतीय नौसेना की भागीदारी मैत्रीपूर्ण नौसेनाओं के बीच उच्च स्तर के तालमेल, समन्वय और परस्पर संचालन के उच्च स्तरों तथा हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में कानून आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाया।
भारतीय रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह द्विवार्षिक युद्धाभ्यास ला पेरोस फ्रांसीसी नौसेना द्वारा आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य समुद्री क्षेत्र जागरूकता बढ़ाने और हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में भाग लेने वाली नौसेनाओं के बीच समुद्रीय समन्वय को अधिकतम करना है। दो दिवसीय युद्धाभ्यास समान विचारधारा वाली नौसेनाओं को निर्बाध समुद्री संचालनों के लिए योजना, समन्वय और सूचना साझा करने के बारे में नजदीकी संबंध विकसित करने का अवसर उपलब्ध कराता है। इस युद्धाभ्यास में जटिल और उन्नत नौसैनिक संचालन देखने को मिलेगा, जिसमें सतही युद्ध, वायु रक्षा अभ्यास, क्रॉस डेक लैंडिंग और रणनीतिक युद्धाभ्यास शामिल रहा।
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