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अधिकांश कैनेडियन मृत्यु के बाद जीवन में विश्वास करते हैं: एंगस रीड सर्वेक्षण

टोरंटो। एंगस रीड इंस्टीट्यूट के एक नए सर्वेक्षण में पता चला है कि अधिकांश कैनेडियन मृत्यु के बाद किसी न किसी प्रकार के जीवन में विश्वास करते हैं। चाहे वह ईसाई धर्म का स्वर्ग हो या नरक हो, इस्लाम का जन्नत हो या जहन्नम हो, या सिखों और बौद्धों द्वारा मान्यतानुसार आत्मा का पुनर्जन्म हो।
मार्च में आयोजित इस सर्वेक्षण में पूरे देश में विभिन्न धार्मिक समुदायों के २,००० से अधिक कैनेडियन लोग शामिल हुए।
सर्वेक्षण में शामिल पांच में से कम से कम तीन कैनेडियंस ने कहा है कि वे पुनर्जन्म में विश्वास करते हैं। केवल आठ में से एक (१३%) कैनेडियन लोगों ने ‘निश्चित रूप से’ इसे खारिज कर दिया।
पूरे देश में मृत्युपरांत जीवन में विश्वास करने वालों का अनुपात अलग-अलग है। ओंटारियो और प्रेयरी में इस मान्यता के सर्वाधिक पक्षधर है जबकि क्यूबेक में कम लोग इसमें विश्वास करते हैं।
मैनिटोबा में उन लोगों की संख्या सबसे अधिक है जो कुछ हद तक या दृढ़ता से ७२ प्रतिशत के साथ पुनर्जन्म में विश्वास करते हैं, इसके बाद सस्केचवान (६९ प्रतिशत), अल्बर्टा और ओंटारियो (६३ प्रतिशत), ब्रिटिश कोलंबिया (६० प्रतिशत), अटलांटिक क्षेत्र (५९ प्रतिशत) और क्यूबेक (५० प्रतिशत) का स्थान है।
क्यूबेक में मृत्यु के बाद के जीवन के बारे में संदेह की दर सबसे अधिक १७ प्रतिशत थी, जबकि राष्ट्रीय जनसंख्या में यह दर १३ प्रतिशत थी और सस्केचेवान में छह प्रतिशत थी जो देश में सबसे कम है।
मुस्लिम समुदाय में मृत्यु के बाद के जीवन में विश्वास रखने वालों की संख्या सबसे अधिक पाई गई। ८७ प्रतिशत ने कहा कि वे कुछ हद तक या दृढ़ता से विश्वास करते थे, इसके बाद ईसाई (७६ प्रतिशत), हिंदू (७१ प्रतिशत) और सिख (६७ प्रतिशत) उत्तरदाताओं का स्थान था।
यहूदी उत्तरदाता एकमात्र समूह थे, जिनके बारे में आधे से भी कम लोगों ने बताया कि वे पुनर्जन्म में विश्वास करते हैं।

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