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Misinformation about COVID-19 paid a heavy price, misinformation claimed the lives of 2,800 citizens

कोविड-१९ को लेकर भ्रांतियो के कारण चुकानी पड़ी बड़ी कीमत, गलत सूचना ने ली २,८०० नागरिकों की जान

ओटावा, २७ जनवरी।
एक नई रिपोर्ट की मानें तो कोविड-१९ के बारे में गलत सूचना के कारण २,८०० से अधिक कैनेडियन को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। कैनेडियन एकेडेमिक परिषद की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के लेखकों का अनुमान है कि अगर समय पर टीकाकरण हुआ होता, तो कैनेडा में लगभग १९८,००० कम मामले सामने आते, १३,००० कम लोग अस्पतालों में भर्ती होते और २,८०० कम लोगों की मौतें होतीं।
कैनेडियन अकादमियों की परिषद का कहना है कि गलत सूचना के कारण लोगों को विश्वास नहीं हुआ कि ऐसी कोई बीमारी हो सकती है। शुरूआती दौर में लोगों को समझ ही नही आया कोविड-१९ वास्तविक था या अतिरंजित था। इसी तरह टीके के बारे में झिझक ने लोगों को टीका लगवाने को कम प्रेरित किया। इसका नतीजा यह निकला कि २०२१ के मार्च और नवंबर के बीच २.३५ मिलियन लोगों ने वैक्सीन प्राप्त करने में देरी की या इनकार कर दिया। रिपोर्ट के लेखकों का अनुमान है कि अगर समय पर टीकाकरण हुआ होता, तो कैनेडा में लगभग १९८,००० कम मामले, १३,००० कम अस्पताल में भर्ती होते, और २,८०० कम मौतें होतीं।
शोध करने वाले पैनल के अध्यक्ष एलेक्स हिमेलफर्ब कहते हैं कि कोविड-१९ गलत सूचना का वास्तविक प्रभाव रिपोर्ट के निष्कर्षों की तुलना में बहुत अधिक बड़ा होने की संभावना है, क्योंकि उन्होंने महामारी के दौरान केवल उस नौ महीने की अवधि का आंकलन किया है जबकि कोविड १९ का प्रभाव लगभग तीन सालों तक रहा। इस रिपोर्ट के गणितीय मॉडल ने उस समय अवधि के दौरान कोविड-१९ वैक्सीन की उपलब्धता और पात्रता को ध्यान में रखा गया।
यह परिषद स्वयं को एक गैर-लाभकारी संस्था हैं जो सार्वजनिक हित के जटिल वैज्ञानिक विषयों पर साक्ष्य का आकलन करने और नीति को सूचित करने में मदद करने के लिए अपने संबंधित क्षेत्रों में विशेषज्ञों को बुलाती है।

 

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