नई दिल्ली, २६ सितंबर। आजकल भारत के यूएफसी लाइवेट अंशुल जुबली दुनिया में बड़ा नाम कमा रहे हैं। मिक्स्ड मार्शल आर्ट फाइटर अंशुल इसलिए भी चर्चा में हैं क्योंकि यूएफसी की दो फाइट्स में हिस्सा लेने वाले पहले भारतीय बनने जा रहे हैं। जो कि बेहद प्रतिष्ठित फाइट मानी जाती हैं। वहीं अंशुल ऑक्टागन में कदम रखने वाले दूसरे भारतीय फाइटर भी हैं।
किंग ऑफ लायंस के नाम से मशहूर अंशुल जुबली की सोशल मीडिया में अच्छी-खासी फैन फॉलोइंग है। हाल ही में उन्होंने इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट किया था। जिसमें वह आगामी २१ अक्तूबर को अबु धाबी में होने वाली फाइट की तैयारी करते दिख रहे हैं। उनसे पहले कोई भी इंडियन फाइटर यूएफसी की दो फाइट्स में हिस्सा नहीं ले पाया है। इस तरह अंशुल अगले महीने २१ तारीख को अमेरिका के लाइट वेट फाइटर माइक ब्रीडन के खिलाफ रिंग में उतरते ही इतिहास रच देंगे।
हालांकि जुबली के प्रतिद्वद्वी माइक ब्रीडन एक अनुभवी फाइटर हैं और अब तक हुए १६ मुकाबलों में १० में जीत हासिल की है, जबकि छह बार उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा है। लेकिन एक चीज़ जिससे अंशुल जुबली का पलड़ा भारी लग रहा है, वह है कि ब्रीडन यूएफसी ऑक्टागन के अंदर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। २०२१ में अलेक्जेंडर हर्नांडेज के खिलाफ डेब्यू में उन्हें तीनों बाउट्स में हार मिली थी।
यहां बता दें कि अंशुल ने अपना यूएफसी डेब्यू इस साल ४ फरवरी को फाइट नाइट; लुईस बनाम स्पिवैक से किया था। उन्होंने प्रारंभिक कार्ड पर इंडोनेशियाई फाइटर जेका सारागिह के खिलाफ मुकाबला लड़ा, जो कि १३ प्रोफेशनल जीत हासिल कर चुके थे। जुबली को सारागिह के खिलाफ दूसरे राउंड में जीत हासिल हुई। इतना ही नहीं शानदार प्रदर्शन के कारण जुबली ने ५० हज़ार डॉलर का परफार्मेंस ऑफ द नाइट बोनस भी अपने नाम किया था।
अंशुल की लाइफ़ की बात करें तो वह मूल रूप से पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के रहने वाले हैं। उनके पिता सेना में कार्यरत रहे हैं, इसकी वजह से अंशुल का बचपन देश के विभिन्न हिस्सों में गुजरा है। २८ वर्षीय जुबली ६ फिट लंबे हैं और उनका वजन ७१ किलोग्राम है। इस तरह वह लाइट वेट कैटेगरी में फाइट करते हैं। जुबली ने २२ साल की उम्र में ट्रेनिंग शुरू की थी, और एमएमए के साथ उनका परिचय इंटरनेट के जरिए हुआ था। जुबली बाद में बेहतर ट्रेनिंग हासिल करने के लिए दिल्ली शिफ्ट हो गए।