ओटावा, २ अप्रैल। कैनेडा में मौसम बदलते ही इनफ्लुएंजा और कॉमन वायरल का प्रकोप बढ़ने लगा है। इस मौसम में अभी तक ११७ अल्बर्टसन की इनफ्लुएंजा संक्रमण से मौत हो चुकी है। अभी भी लोग उस दौर को नहीं भूल पाए हैं जब कुछ समय पूर्व यहां इनफ्लुएंजा के कारण महामारी जैसी स्थिति पैदा हो गई थी। इसको लेकर डॉक्टर और वैज्ञानिक चिंतित हैं।
आंकड़ों के अनुसार २०२२-२३ में अभी तक यहां इनफ्लुएंजा के प्रभाव से ११७ लोगों की मृत्यु हो चुकी है। १११ गंभीर रूप से बीमार होकर अस्पतालों में भर्ती हैं। इसके बढ़ते प्रकोप को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि यह सीजन फ्लू को लेकर काफी खतरनाक रूप ले रहा है। बीते दशक में फ्लू इस क्षेत्र में सबसे खतरनाक संक्रमण में से एक रहा है।
कैलगरी विश्वविद्यालय में माइक्रोबायोलॉजी, इम्यूनोलॉजी और संक्रामक रोगों के एसोसिएट प्रोफेसर क्रेग जेने बताती हैं की पिछले १० वर्षों में फ्लू से इतनी खतरनाक स्थिति पहली बार वह देख रही हैं। वह भी महामारी के तुरंत बाद। फ्लू के कारण जितने लोगों की मृत्यु इस प्रांत में हो रही है उसको लेकर चिंता होना लाजिमी है। हालांकि २००९ में जब से इसकी रिपोर्टिंग शुरू हुई है, अल्बर्टा क्षेत्र में फ्लू के कारण सर्वाधिक मौत के मामले सामने आए हैं।
२०१४-१५ के दौरान अल्बर्टा के हॉस्पिटल में भर्ती ११४ लोगों की फ्लू से मृत्यु के मामले सामने आए थे। उस दौरान अस्पतालों में इन्फ्लूएंजा से होने वाली मौतों का रिकॉर्ड नहीं रखा जाता था। पैरामेडिकल स्टाफ, पीएमएस, अग्निशमन कर्मी और पुलिसकर्मी ही इससे मरने वाले लोगों की रिपोर्टिंग करते थे।
विशेषज्ञ बताते हैं कि अल्बर्टा में अभी तक जितने भी फ्लू से मौतें हुई हैं, वह ७० वर्ष के उम्र के नीचे की हैं। इनमें से केवल तीन ऐसी मौतें हुई हैं जो १ से लेकर १९ वर्ष के बीच है। अक्टूबर २०२२ से जनवरी २०२३ के बीच अल्बर्टा में जो मामले सामने आ रहे हैं उनमे एच३एन२ वायरस से पीड़ित पाए गए हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि अल्बर्टा उन क्षेत्रों में शामिल है, जहां पर लोगों ने कोरोनावायरस से बचाव के टीके कम मात्रा में लगाए हैं । यह फ्लू के खतरनाक होने का एक कारण हो सकता है। इस सीजन में प्रांत के आंकड़ों के अनुसार यहां केवल २७.७ % लोगों ने इन्फ्लूएंजा के टीके लिए हैं। वहीं कोरोना महामारी के पहले टीके लगाने की दर २०१९-२० में ३३ प्रतिशत और २०१८-१९ में ३१ प्रतिशत था।
टीके लेने की दर में कमी इस क्षेत्र में इनफ्लुएंजा से होने वाली मौत के लिए एक जिम्मेदार कारक हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ जेनी बताती है कि इस क्षेत्र से इनफ्लुएंजा संक्रमण को कम करने के लिए यह आवश्यक है कि यहां मुफ्त में टीके लगाए जाने की व्यवस्था शुरू किया जाए।
