नई दिल्ली ,०६ नवंबर। सर्विस पीएमआई बताने वाली एजेंसी ने अक्टूबर २०२३ के पीएमआई इंडेक्स के आंकड़े जारी कर दिये हैं। इस बार सितंबर महीने के मुकाबले अक्टूबर में पीएमआई ६१ से गिरकर ५८.४ हो गया है। एक्सपर्ट के अनुसार इसकी वजह मैन्युफैक्चरिंग में आई कमी है।
आपको बता दें कि एसएंडपी की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग पिछले ७ महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है। पीएमआई इंडेक्स द्वारा जारा आंकड़ों के आधार पर ही भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दरें तय करता है। अगर मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी दर्ज होती है तो यह देश के आर्थिक विकास की ओर ले जाता है। पीएमआई इंडेक्स की दरें देश के रोजगार स्थिति को भी बताती है। एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स अक्टूबर में गिरकर ५८.४ पर आ गया, जो सितंबर में १३ साल के उच्चतम ६१ पर था। यह मार्च के बाद से विस्तार की सबसे धीमी दर का संकेत है। आपको बता दें कि परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स की भाषा में, ५० से ऊपर प्रिंट का मतलब विस्तार है जबकि ५० से नीचे का स्कोर संकुचन को दर्शाता है।
भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के लिए ली जाने वाली कीमतें अक्टूबर में और बढ़ गईं, जिससे मुद्रास्फीति का मौजूदा क्रम लगभग तीन साल तक बढ़ गया। भारत में सर्विस कंपनियों ने अक्टूबर में अपने खर्चों में वृद्धि दर्ज की, जिसके लिए उन्होंने भोजन, ईंधन और कर्मचारियों की उच्च लागत को जिम्मेदार ठहराया।
