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कैनेडा में खालिस्तानी विरोध प्रदर्शन पर भारतीय प्रधान मंत्री ने ट्रूडो को दिखाया सख्त रुख

ओटावा,१२ सितंबर। भारत के एक बयान के अनुसार, भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में जी२० शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो को भारत के खिलाफ कैनेडा में विरोध प्रदर्शन के बारे में कड़ी चिंताओं से अवगत कराया।
नई दिल्ली लंबे समय से कैनेडा में खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों के प्रति संवेदनशील रही है। जून में, भारत ने १९८४ में भारतीय प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों द्वारा की गई हत्या को दर्शाने वाली परेड में एक झांकी की अनुमति देने के लिए कैनेडा की आलोचना की, जिसे खालिस्तानी अलगाववादियों द्वारा हिंसा का महिमामंडन माना जाता है।
भारतीय बयान में कहा गया, “वे अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़का रहे हैं, राजनयिक परिसरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और कैनेडा में भारतीय समुदाय और उनके पूजा स्थलों को धमकी दे रहे हैं।”
ट्रूडो ने नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, कैनेडा हमेशा “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अंतरात्मा की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण विरोध” की रक्षा करेगा।
उन्होंने कहा, “साथ ही हम हिंसा को रोकने के लिए, नफरत को पीछे धकेलने के लिए हमेशा मौजूद रहते हैं।” उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की हरकतें पूरे समुदाय या कैनेडा का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं।
आपको बता दें कि भारत और कैनेडा के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं और ओटावा ने इस महीने भारत के साथ प्रस्तावित व्यापार संधि पर बातचीत रोक दी है, इसके ठीक तीन महीने बाद दोनों देशों ने कहा कि उनका लक्ष्य इस साल एक प्रारंभिक समझौते पर मुहर लगाना है। जी२० शिखर सम्मेलन के दौरान कई विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने वाले मोदी ने ट्रूडो के साथ एक भी बैठक नहीं की।

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