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Indian-Americans accused of dental practice fraud

भारतीय-अमेरिकियों पर डेंटल प्रैक्टिस फ्रॉड का आरोप

न्यूयॉर्क, २८ जनवरी। आठ भारतीय-अमेरिकी नागरिक समेत १२ लोगों पर अमेरिकी राज्य पेंसिल्वेनिया में दंत चिकित्सा पद्धतियों के एक बहु-राज्यीय नेटवर्क के जरिए एक साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। न्याय विभाग (डीओजे) की एक विज्ञप्ति ने कहा कि आरोपी, मेडिकेड, यूएस इमिग्रेशन अथॉरिटीज (आईआरएस), इंटरनल रेवेन्यू सर्विस और फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) को धोखा देने और धोखाधड़ी की आय को प्राप्त करने के एक व्यापक योजना का हिस्सा थे।
गिरफ्तार किए गए लोगों पर दंत चिकित्सा पद्धतियों और संबंधित कंपनियों (सवानी समूह) की गतिविधियों में भाग लेने और उन्हें संचालित करने का आरोप है, जो वीजा धोखाधड़ी, स्वास्थ्य देखभाल धोखाधड़ी, संघीय कर चोरी और धनशोधन में लिप्त हैं।
डेंटिस्ट ब्रदर्स ५७ वर्षीय भास्कर सवानी और ५१ वर्षीय निरंजन सवानी दोनों सवानी ग्रुप के कंट्रोलर थे।
तीसरे भाई, ५५ वर्षीय अरुण सवानी, सवानी समूह की कंपनियों के मालिक थे और उनका प्रबंधन करते थे। साथ ही समूह के वित्तीय मामलों के लिए जिम्मेदार थे।
तीनों भाई यानी भास्कर, निरंजन, और अरुण ने अमेरिकी वर्क वीजा के लिए विदेशी कर्मचारियों की भर्ती करने की साजिश रची और कर्मचारियों के काम एवं जिम्मेदारियों की सही जानकारी को छिपाया।
५७ वर्षीय सुनील फिलिप सवानी समूह का लेखाकार है। उसने तीनों भाइयों के साथ मिलकर टैक्स की चोरी की।
सवानी समूह के दो अन्य कर्मचारियों के साथ सवानी भाइयों ने कथित रूप से मेडिकेड अनुबंधों को प्राप्त करने और लाभ जारी रखने के लिए ऑन पेपर डेंटल प्रैक्टिस के नामांकित मालिकों का उपयोग करने के लिए एक योजना को अंजाम दिया।
डीओजे के अनुसार, उन्होंने मिलावटी और गलत ब्रांड वाले दंत चिकित्सा उपकरणों को अमेरिकी वाणिज्य में रखने की साजिश रची।
इनके अलावा, विवेक सवानी (३५), भारतकुमार परसाना (५५), हितेशकुमार गोयानी (३९) और पीयूषा पटेल (४१) पर भी आरोप लगाए गए हैं।
भास्कर, अरुण, निरंजन और सुनील फिलिप २० जनवरी को ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ पेन्सिलवेनिया में अदालत में पेश हुए।

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