106 Views

वैश्विक स्तर पर जीवन की समग्र डिजिटल गुणवत्ता के मामले में भारत चीन से पीछे

नई दिल्ली ,१२ सितंबर। जब जीवन की समग्र डिजिटल गुणवत्ता को बनाए रखने की बात आती है, तो ५२वें स्थान पर मौजूद भारत अभी भी विश्व स्तर पर चीन (४४वें स्थान) से पीछे है, सोमवार को एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
साइबर-सुरक्षा कंपनी सुरफशार्क द्वारा जीवन की डिजिटल गुणवत्ता (डीक्यूएल) सूचकांक एक वार्षिक अध्ययन है, जो ५ मुख्य स्तंभों – इंटरनेट गुणवत्ता, इंटरनेट सामर्थ्य, ई-सुरक्षा, ई-बुनियादी ढांचे और ई- के आधार पर १२१ देशों को उनकी डिजिटल भलाई के आधार पर रैंक करता है।
५वें डीक्यूएल अध्ययन में भारत को दुनिया में ५२वां स्थान दिया गया है, जो पिछले साल ५९वां था।
यह वृद्धि मुख्यत: देश की इंटरनेट गुणवत्ता में वृद्धि के कारण है, जिसके लिए यह अब १६वें स्थान पर है।
हालांकि, देश को ई-बुनियादी ढांचे में चुनौतियों का सामना करना पड़ा और ९१वें स्थान पर रहा। शेष स्तंभों के लिए, भारत इंटरनेट सामर्थ्य में २८वें, ई-सरकार में ३५वें और ई-सुरक्षा में ६६वें स्थान पर है।
एशिया में, भारत १३वें स्थान पर है, सिंगापुर इस क्षेत्र में अग्रणी है।
भारत की इंटरनेट गुणवत्ता वैश्विक औसत से ३६ प्रतिशत अधिक, दुनिया में १६वें स्थान पर है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की मोबाइल इंटरनेट स्पीड (७४ एमबीपीएस) पिछले साल से २९७ फीसदी बढ़ गई है, जबकि फिक्स्ड इंटरनेट स्पीड (७६ एमबीपीएस) में १६ फीसदी का सुधार हुआ है।
फिक्स्ड ब्रॉडबैंड इंटरनेट का खर्च उठाने के लिए भारतीयों को महीने में १ घंटा ४८ मिनट काम करना पड़ता है, लेकिन यह रोमानिया की तुलना में ६ गुना अधिक है, जहां दुनिया का सबसे किफायती फिक्स्ड इंटरनेट है।
सफरशार्क के प्रवक्ता गैब्रिएल राकैटे-क्रसौस्के ने कहा,कई देशों में, जीवन की डिजिटल गुणवत्ता समग्र जीवन की गुणवत्ता की व्यापक अवधारणा में विलीन हो गई है। अब इसे देखने का कोई अन्य तरीका नहीं है, क्योंकि काम, शिक्षा और अवकाश सहित कई दैनिक गतिविधियां ऑनलाइन की जाती हैं।
उन्होंने कहा, इसलिए उन क्षेत्रों को इंगित करना महत्वपूर्ण है, जिनमें देश की डिजिटल जीवन गुणवत्ता पनपती है और जहां ध्यान देने की आवश्यकता है, जो डीक्यूएल इंडेक्स का सटीक उद्देश्य है।
ई-सुरक्षा स्तंभ यह मापता है कि कोई देश साइबर अपराध का मुकाबला करने के लिए कितनी अच्छी तरह तैयार है, साथ ही देश के डेटा सुरक्षा कानून कितने उन्नत हैं।
इस स्तंभ में भारत बांग्लादेश (८५वें) और चीन (७९वें) से बेहतर प्रदर्शन करता है।
लेकिन वैश्विक संदर्भ में, अध्ययन के मुताबिक भारत साइबर अपराध से लडऩे के लिए तैयार नहीं है, और देश में डेटा सुरक्षा कानून बहुत कम हैं।

Scroll to Top