संयुक्त राष्ट्र । भारत ने आतंकवाद पर सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समिति की गुप्त कार्यप्रणाली की आलोचना करते हुए उस पर पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों को बचाने के लिए प्रच्छन्न वीटो की प्रणाली की अनुमति देने का आरोप लगाया है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा,आतंकवादियों के खिलाफ साक्ष्य-आधारित प्रस्तावों को बिना कोई औचित्य बताए रोकना अनावश्यक है। जब आतंकवाद की चुनौती से निपटने में परिषद की प्रतिबद्धता की बात आती है, तो इसमें दोहरेपन की बू आती है। उन्होंने कहा, यह एक प्रकार का प्रच्छन्न वीटो है।
गौरतलब है कि चीन ने पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों के रूप में सूचीबद्ध करने में बार-बार बाधा डाली है।
२००९ में मुंबई पर २६/११ के आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा के साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव को रोक दिया गया।
कंबोज ने परिषद की समितियों के कामकाज में पारदर्शिता का आह्वान किया है।
कम्बोज ने कहा,आज के बहुध्रुवीय विश्व में सुरक्षा परिषद में विकासशील देशोंं एशिया, अफ्रीका, व लैटिन अमेरिका को भी प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा, हम इस परिषद को २१वीं सदी के उद्देश्यों की पूर्ति करने वाला बनाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, हम इस सुधार के लिए अंतर-सरकारी वार्ता के पर्दे के पीछे नहीं छिप सकते, जिसकी कोई समय सीमा नहीं है।
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