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इक्विटी बाजार पर इजराइल-हमास संघर्ष से ज्यादा अमेरिकी बांड यील्ड में वृद्धि का असर

नई दिल्ली ,०३ नवंबर । गाजा में युद्ध तेज होने के साथ, पश्चिमी एशियाई संकट को लेकर अनिश्चितता अपने चरम पर है। यह युद्ध कब और कैसे समाप्त होगा, इसके परिणाम क्या होंगे, यह किसी को पता नहीं है। इसलिए, निवेशकों को सतर्क रणनीति जारी रखनी चाहिए। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजय कुमार ने ये बात कही है। उन्होंने कहा, यह समझना महत्वपूर्ण है कि वैश्विक स्तर पर इक्विटी बाजार इजरायल-हमास संघर्ष के बजाय अमेरिकी बांड यील्ड में बढ़ोतरी से अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
४.९ प्रतिशत से ऊपर अमेरिकी १०-वर्षीय बांड यील्ड शेयर बाजारों के लिए एक प्रमुख बाधा बनी रहेगी, खासकर उभरते बाजारों के लिए। उन्होंने कहा कि एफआईआई की बिकवाली से बाजार पर असर जारी रहने की संभावना है। ब्रेंट क्रूड का ८५ डॉलर तक गिरना भारत के लिए एक अच्छा सकारात्मक संकेत है।

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