नई दिल्ली,२० नवंबर । दिल्ली के वायु प्रदूषण के स्तर में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी सतर्क रहने की जरूरत है। वायु गुणवत्ता में सुधार के बाद दिल्ली में ग्रेप -४ की पाबंदियां हटा ली गयी है। लेकिन ग्रेप-१ , ग्रेप-२ और ग्रेप-३ की पाबंदियां अभी लागू रहेंगी।
दिल्ली में निर्माण एवं विध्वंस कार्यों पर अभी रोक लगी रहेगी। साथ ही बीएस ३ पेट्रोल और बीएस ४ डीजल गाडिय़ों के संचालन पर प्रतिबंध जारी रहेगा। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के मुताबिक फिलहाल दिल्ली में सिर्फ सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस-६ बसें ही आ सकती है। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि हॉटस्पॉट पर विशेष निगरानी करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही पानी के छिड़काव लगातार करने का आदेश दिया गया है।
राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर प्रदूषण के स्तर में पिछले दो दिनों से लगातार सुधार देखा जा रहा है। रविवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) २९० तक पहुंच गया है। उन्होंने दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत के लोगों से निवेदन किया कि प्रदूषण में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी हमें सतर्क रहने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि सीएक्यूएम के आदेश के अनुसार, दिल्ली में ग्रेप -४ की पाबंदियां को हटा दी गई है। ट्रकों की एंट्री पर प्रतिबंध हटा लिया गया है। लेकिन ग्रेप-१, ग्रेप-२ और ग्रेप-३ की पाबंदियां अभी लागू रहेंगी। बीएस ३ पेट्रोल और बीएस ४ डीजल एलएमवी (४ पहिया वाहन) के संचालन पर प्रतिबंध लागू रहेगा। एनसीआर से दिल्ली में सिर्फ सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस-६ बसें ही आ सकती है।
राय ने बताया कि ग्रेप-३ के तहत दिल्ली में निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध लागू रहेगा। निर्माण तथा विध्वंस पर बैन से कुछ विभागों को छूट है, लेकिन उन्हें निर्माण तथा विध्वंस के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना पड़ेगा। रेलवे स्टेशन, मेट्रो, हवाई अड्डे, राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित निर्माण तथा विध्वंस साइट, अंतर्राज्यीय बस अड्डे, अस्पताल, सड़क एवं राजमार्ग, फ्लाईओवर, बिजली, सीवर लाइन, स्वच्छता परियोजनाओं पर निर्माण संबंधी छूट रहेगी।
इसके साथ-साथ दिल्ली के अंदर जो इंटीरियर वर्क है, जैसे प्लम्बिंग, बिजली फिटिंग और फर्नीचर के काम की छूट रहेगी। निर्माण तथा विध्वंस स्थलों पर बोरिंग, ड्रिलिंग, खुदाई तथा भराई के काम पर अभी पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। निर्माण एवं बिल्डिंग संचालन सहित तमाम संरचनात्मक निर्माण कार्य हैं, उस पर पूरी तरह बैन रहेगा।
विध्वंस के कार्य पर पूरी तरह बैन रहेगा। निर्माण तथा विध्वंस साइट पर लोडिंग-अनलोडिंग पर बैन रहेगा। कच्चे माल के स्थानांतरण मैनुअल तथा फ्लाईएश सहित बैन रहेगा। कच्ची सड़कों पर वाहनों के आने-जाने पर बैन रहेगा। टाइलों-पत्थरों के काटने पर बैन रहेगा, फर्श सामग्री के काटने पर बैन रहेगा, पीसने की गतिविधियों पर बैन रहेगा।