111 Views

कैनेडा की संसद में हिंदूफोबिया पिटीशन दाखिल, सरकार के जवाब से निराशा कैनेडियन हिंदू

ओटावा,१५ दिसंबर। सभी के लिए स्वतंत्रता और समानता का दम भरने वाली कैनेडियन सरकार हिंदुओं के अधिकारों और स्वतंत्रता पर मौन है। देश में हिंदुओं के प्रति बढ़ती असहिष्णुता और नफरत भरी हिंसक घटनाओं के बाद हिंदू समुदाय में डर चिंता और रोष का माहौल है।
कैनेडियन संसद में हिंदू विरोधी भावनाओं पर सरकार का ध्यान खींचने के लिए एक याचिका पेश की गई थी। सरकार ने इस पर जवाब दिया, लेकिन याचिकाकर्ता और देश का हिंदू समुदाय सरकार के जवाब से निराश हैं।
हिंदूफोबिया को लेकर एक याचिका का जवाब देते हुए कैनेडियन सरकार ने संसद में कहा, “हम सभी तरह की नफरत और भेदभाव को खारिज करते हैं और मानते हैं कि लोगों को इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए।” सरकार की इस प्रतिक्रिया से याचिका दर्ज कराने वाले लोग निराश हुए हैं। याचिका को दर्ज करने वाले विजय जैन ने कहा, “सरकार की प्रतिक्रिया हताश और परेशान करने वाली है।”
विजय जैन ने कहा, “कैनेडा की मानवाधिकार संहिता की ओर नजर तब डाली जाती है जब बात इस्लामोफोबिया, एंटी सेमेटिज्म की होती है। इससे साफ झलकता है कि कैनेडा में हिंदूओं के साथ भेदभाव हो रहा है।”
आपको बता दें कि कैनेडा में किसी याचिका पर सरकार की ओर से जवाब मांगने के लिए कम से कम याचिका में ५०० लोगों का हस्ताक्षर अनिवार्य है। विजय जैन की याचिका पर २५,७९४ लोगों के हस्ताक्षर थे। विजय जैन की याचिका को ८१ समुदायिक संगठनों का साथ मिला था।
गौरतलब है कि आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद कैनेडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाए थे। इसके बाद से ही कैनेडा में हिंदूओं का जीना मुहाल हो गया है। हिंदूफोबिया शब्द को हिंदूओं के प्रति पूर्वाग्रह, धर्म के अस्तित्व को नकारने के तौर पर देखा जाता है।

Scroll to Top