नई दिल्ली,११ जून। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर सरकार ने अपना रुख साफ कर दिया है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए नियम बनाएगी कि यह ‘डिजिटल नागरिकों’ को नुकसान न पहुंचाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले नौ वर्षों में डिजिटलीकरण के मामले में भारत ने कितनी दूर यात्रा की है, इस पर उन्होंने अपनी बात रखी। आईटी मिनिस्टर ने कहा कि एआई के खतरों से डरने की कोई जरूरत नहीं है। अगले कुछ सालों में नौकरी जाने का डर भी निराधार है। फिलहाल, एआई की वजह से नौकरियों पर कोई खतरा नहीं है। मंत्री ने कहा कि डॉकिंग (गलत मंशा से और किसी की सहमति के बिना इंटरनेट पर व्यक्तियों की निजी जानकारी पोस्ट करना) जैसे अपराध बढ़ रहे हैं, उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था राज्य का विषय है और केंद्र को राज्य सरकारों के साथ बेहतर तरीके से काम करना होगा, इसके बारे में पहल शुरू करना होगा। कौशल विकास, इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री चंद्रशेखर ने कहा कि डिजिटल इंडिया विधेयक पर हितधारकों के साथ विचार-विमर्श इसी महीने शुरू होगा। नया पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल भी जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा। ओपन एआई चीफ सैम ऑल्टमैन ने शुक्रवार को नई दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात की और वैश्विक विनियमन की आवश्यकता सहित एआई के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। बता दें, भारत के अलावा, ऑल्टमैन इस सप्ताह छह देशों के दौरे पर है, जिसमें इज़राइल, जॉर्डन, कतर, संयुक्त अरब अमीरात और दक्षिण कोरिया शामिल हैं। ऑल्टमैन से मुलाकात के बाद एक ट्वीट में, पीएम मोदी ने लिखा कि भारत के तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र में एआई की क्षमता खासकर युवाओं के बीच बहुत बड़ी है।
