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वित्त वर्ष २०२४ में भारत में ११५ अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक सामान का होगा उत्पादन

नई दिल्ली ,०३ जनवरी । भारत में वित्त वर्ष २०२३-२४ में इलेक्ट्रॉनिक सामानों का कुल उत्पादन ११५ अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। इसमें सबसे ज्यादा योगदान मोबाइल फोन (५० अरब डॉलर से अधिक) का होगा। सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) यह अनुमान जारी किया। वित्त वर्ष के पहले नौ महीने में अप्रैल से दिसंबर तक देश ने इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में १०० अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया है। इसमें मोबाइल फोन विनिर्माण का ४४ अरब डॉलर का बड़ा योगदान है।
गहन विनिर्माण और स्थानीयकरण पर मजबूत फोकस के साथ मोबाइल फोन उद्योग पीसीबीए, चार्जर, बैटरी पैक, केबल आदि में लगभग आत्मनिर्भरता की स्थिति हासिल करने में सक्षम रहा है। देश अन्य वैल्यू चेन वस्तुओं के स्थानीयकरण की ओर भी बढ़ रहा है और मैकेनिक्स, डाई कट पार्ट्स, कैमरा मॉड्यूल, डिस्प्ले असेंबली आदि के स्थानीयकरण में पर्याप्त निवेश किया गया है।
आईसीईए के अध्यक्ष पंकज मोहिन्द्रू ने कहा, हमारा ध्यान मुख्य रूप से दुनिया के लिए विनिर्माण पर होना चाहिए कोई भी अर्थव्यवस्था या क्षेत्र अपने देश के लिए एक विशाल निर्यात आधार बनाए बिना महान नहीं बन सकता है। उन्होंने कहा, यह सही समय है कि मोबाइल फोन विनिर्माण क्षेत्र के उत्कृष्ट प्रदर्शन को भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) उद्योग के अन्य क्षेत्रों जैसे आईटी हार्डवेयर, वियरेबल्स एंड हियरेबल्स, इलेक्ट्रॉनिक घटकों आदि में दोहराया जाना चाहिए।
सरकार ने २०२५-२६ तक ३०० अरब डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण हासिल करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें १०० अरब डॉलर निर्यात से आने की उम्मीद है। इसमें अकेले मोबाइल फोन के निर्यात में ५० अरब डॉलर से अधिक का योगदान होने का अनुमान है। आईसीईए ने कहा, भविष्य भी आशाजनक है। कुल १७ हजार करोड़ रुपये के पूंजीगत परिव्यय और वैल्यू चेन विकास पर स्पष्ट फोकस के साथ आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई २.० निश्चित रूप से प्रभावशाली परिणाम देगा।

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