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दो साधू की कहानी

दो साधू अलग अलग झोपडी में रहते थे, एक साधू का भगवान पर बहुत विश्वास था, जबकि दूसरा साधू अपनी किस्मत को हमेशा ही बुरा मानता था, क्योंकि उसे लगता था, कि भगवान उन्हें हमेशा मुसीबत में रखते है। पहला साधू इस बात को मानता था, कि जीवन में परेशानी आती है, हमें उनसे सीखना चाहिए।
एक दिन की बात है। पहला साधु कहता है कि आज तुम किस गांव में जाने वाले हो? दूसरा साधु कहता है कि आज मैं उतर में जाता हूं।
हमारी जिंदगी तो बस मुसीबत में ही कटनी वाली है। हमे कोई फायदा नहीं होने वाला है। पहला साधु कहता है कि तुम्हे यह बात नहीं सोचनी चाहिए। हमें भगवान पर विश्वास रखना चाहिए। उसके बाद दोनों भिक्षा मांगने चले जाते है। उस दिन मौसम बहुत खराब लग रहा था। ऐसा लगता था, कि तूफ़ान आने वाला है। कुछ समय बाद ही तूफ़ान भी आ जाता है। उसके साथ बहुत तेज बारिश आती है। आकाश में बिजली चमकने लगती है। ऐसा लगता है कि मौसम बहुत ख़राब होने वाला है। दोनों साधू भिक्षा के लिए गांव में गए थे, पहले साधू को बहुत अच्छा घर मिल जाता है।
उस घर के लोग उस साधु को भोजन कराते हैं । उन्हें बहुत कुछ खाने को मिलता है। बाहर का मौसम ख़राब होने की वजह से वह साधु वहीं पर रुक जाते हैं । वह सभी लोग उनकी सेवा करते है। यह सब कुछ भगवान पर विश्वास की वजह से हो रहा था। वहीं दूसरी और दूसरा साधू उस बारिश में भीगता हुआ सोच रहा था कि आज उसका दिन अच्छा नहीं है। वह बहुत बड़ी समस्या में पड़ गया है । वह साधु कहता है कि भगवान भी मेरी समस्या को कम नहीं करते है बल्कि बढ़ा रहे हैं । शाम तक मौसम ठीक हो जाता है और वह दोनों साधू अपनी झोपडी की ओर आते हैं।
दूसरा साधु कहता है कि तुम बहुत खुश लग रहे हो जबकि आज का दिन बहुत खराब था। पहला साधु कहता है कि मुझे अपने भगवान पर विश्वास है। वह सब कुछ अच्छा करते है। दूसरा साधु कहता है, इसमें कुछ भी अच्छा नहीं है। आज मैं बारिश से भीग गया था। मेरे सामने परेशानी आ गयी थी। मैं बहुत मुश्किल से यहां पर आया हूं । जबकि पहला साधु बहुत आराम से था। उसके सामने आयी परेशानी भी कम हो गयी थी। यह धार्मिक कहानी हमें कहती है कि सब कुछ अच्छा सोचना चाहिए, तभी आपके साथ भी अच्छा ही होगा।

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