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जापान ने विरोध के बावजूद फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के दूषित जल को प्रशांत महासागर में छोडऩा शुरू किया

टोक्यो । जापान ने बुधवार को फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र से रेडियोधर्मी विकिरण वाला दूषित पानी प्रशांत महासागर में छोडऩे का चौथा दौर शुरू कर दिया।
स्थानीय निवासियों और मछुआरों के विरोध के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया के बावजूद, संयंत्र के संचालक टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी ने स्थानीय समयानुसार बुधवार सुबह लगभग ११:३० बजे रेडियोधर्मी अपशिष्ट जल को महासागर में छोडऩा शुरू कर दिया।
पिछले तीन दौरों के समान, लगभग ७,८०० टन अपशिष्ट जल, जिसमें अभी भी ट्रिटियम, एक रेडियोधर्मी पदार्थ है, लगभग १७ दिन में छोड़ा जाएगा।
देश में ११ मार्च २०११ को ९.० तीव्रता के भूकंप और उसके बाद आई सुनामी से प्रभावित फुकुशिमा परमाणु संयंत्र को कोर मेल्टडाउन का सामना करना पड़ा, जिससे बड़ी मात्रा में विकिरण हुआ। इसके परिणामस्वरूप स्तर -७ परमाणु दुर्घटना हुई, जो अंतर्राष्ट्रीय परमाणु और रेडियोलॉजिकल घटना पैमाने पर सबसे अधिक थी।
रिएक्टर भवनों में परमाणु ईंधन को ठंडा करने से संयंत्र से रेडियोधर्मी पदार्थों से दूषित पानी की भारी मात्रा बन रही है, जिसे अब परमाणु संयंत्र में टैंकों में संग्रहीत किया जा रहा है।

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