57 Views

दक्षिण भारत में कमल खिलाने की जुगत

अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के उद्घाटन और बिहार में गठबंधन तुड़वा कर नीतीश कुमार को अपने साथ लाने ने के बाद भाजपा नेता उत्तर भारत और हिंदी भाषी प्रदेशों में अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं। लेकिन इस बार भाजपा ने सिर्फ बहुमत हासिल करने या तीन सौ सीट जीतने का लक्ष्य नहीं रखा है, बल्कि अबकी बार चार सौ पार का नारा दिया है। भाजपा चार सौ सीट जीतने का लक्ष्य लेकर लडऩे उतरेगी। यह लक्ष्य तभी हासिल होगा, जब दक्षिण भारत में भी भाजपा का प्रदर्शन सुधरे। अभी तक दक्षिण भारत में एक कर्नाटक को छोड़ कर भाजपा बाकी राज्यों में हाशिए की पार्टी रही है।
तमिलनाडु और केरल ये दो राज्य ऐसे हैं, जहां भाजपा को लग रहा है कि वह पैर जमा सकती है। तभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार दौरे कर रहे हैं। उनके दौरों और भाजपा की रणनीतियों का नतीजा यह हुआ है कि केरल के एक बड़े नेता पीसी जॉर्ज ने अपनी पार्टी का विलय भाजपा में कर दिया है। वे छह बार के विधायक हैं और बड़े कैथोलिक ईसाई नेता हैं। सुरेश गोपी को पहले ही भाजपा ने अपने साथ जोड़ा है। सो, भाजपा केरल में खाता खोलने की उम्मीद कर रही है। इसी तरह तमिलनाडु में उसकी नजर वीके शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरण पर है। दिनाकरण ने अभी तक चुनाव लडऩे का फैसला नहीं किया है। उनकी पार्टी एआईएमएम का अच्छा खासा आधार है। ध्यान रहे अन्ना डीएमके ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है। तो भाजपा दिनाकरण की पार्टी के साथ तालमेल कर सकती है।

Scroll to Top