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अभिशप्त’ गाजा पट्टी

विश्व के तीन प्रमुख धर्म यहूदी, ईसाइयत और इस्लाम के पवित्र स्थान जेरूसलम से जुड़ी गाजा पट्टी अभिशप्त हो गई है। सैकड़ो सालों में कई बार धर्म युद्ध तथा अन्य युद्धों के कारण यहां के लोगों ने भारी कष्ट उठाए हैं। आधुनिक युग में भी यहां के लोगों को शांति और सुकून का जीवन मिलने के आसार दूर-दूर तक दिखाई नहीं देते। हाल ही में आतंकी संगठन हमास द्वारा किए गए हमले के बाद इसराइल ने रौद्र रूप धारण करते हुए बम वर्षा शुरू कर दी और जमीनी कार्रवाई की बड़े स्तर पर तैयारी की जा रही है।
संयुक्त राष्ट्रसंघ के अनुसार, इजराइल की अनवरत बम वर्षा के चलते गाज़ा पट्टी में लाखों लोग अपने घर-बार छोड़ कर भाग चुके हैं। वहां न तो बिजली है, न खाना और ना ही पीने का पानी। फिलिस्तीनियों को डर है कि इससे भी बुरे दिन आने वाले हैं क्योंकि इजराइल को अपने पश्चिमी दोस्तों से भरपूर मदद मिल रही है। इजराइल के मददगारों को इस बात की फिक्र नहीं है कि इससे मूलभूत मानवीय मूल्यों और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का कितना गंभीर उल्लंघन होगा। इजराइल ने अपने नागरिकों पर हमले के बाद जो जवाबी सैन्य कार्यवाही की है, वह अनुचित नहीं है। परन्तु उचित कारण होना एक बात है और युद्ध के स्थापित नियमों का उल्लंघन करना दूसरी बात। इस बीच, पेलिस्टीनियन अथॉरिटी के एक पूर्व प्रधाममंत्री सलाम फय्याद की द इकोनॉमिस्ट अख़बार में प्रकाशित यह टिप्पणी मौजूं है कि गुटबाजी के चलते, फिलिस्तीनियों के हक़ की लड़ाई का सत्यानाश हो गया है।

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