नई दिल्ली ,३० अगस्त । भारत में अगले महीने होने जा रहे जी२० समिट से पहले चीन ने नई चाल चली है। चीन ने आधिकारिक तौर पर अपने ‘मानक मानचित्र’ के २०२३ संस्करण को जारी किया जिसमें उसने भारत के दो राज्यों- अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन क्षेत्र पर अपना दावा किया है। इतना ही नहीं, चीन ने अपने मानक मानचित्र में ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर पर भी दावा किया है। इन दावों सहित अन्य विवादित क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है। भारत ने बार-बार कहा है कि अरुणाचल प्रदेश उसका अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा।
‘चीन के मानक मानचित्र का २०२३ संस्करण आधिकारिक तौर पर जारी किया गया और प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय के स्वामित्व वाली मानक मानचित्र सेवा की वेबसाइट पर इसे जारी किया गया। यह मानचित्र चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की रेखांकन विधि के आधार पर संकलित किया गया है।
दोपहर ३ बजकर ४७ मिनट पर अपना नया मानक मैप पोस्ट किया। चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय की ओर से होस्ट की जाने वाली स्टैंडर्ड मैप सर्विस की वेबसाइट पर भी यह नया मैप लॉन्च किया गया है। यह मैप चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की सीमाओं की ड्रॉइंग पद्धति के आधार पर तैयार किया गया है, जिसमें चीन के सभी हिस्सों को दर्शाया गया है। इस मैप पर भारत के दो राज्यों को भी चीन के मैप में दिखाया गया है।
चीन ने ऐसी हरकत कोई पहली बार नहीं की है। इससे पहले चीन ने इसी साल अप्रैल २०२३ में अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश की ११ जगहों के नाम ही बदल दिए थे। चीन ने पिछले पांच साल में तीसरी बार ऐसा किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन की हरकतों पर साफ-साफ कहा था कि अरुणाचल प्रदेश भारत का आतंरिक हिस्सा था, हिस्सा है और रहेगा। चीन की इस हरकत को बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस तरह से नाम बदलने से हकीकत तो नहीं बदल जाएगी।
