152 Views

चीन की नई चाल, अरुणाचल के बाद अब हिन्द महासागर में १९ जगहों के बदल दिए नाम

बीजिंग, १८ अप्रैल। वैश्विक मंच पर उभरते चीन ने अपने विस्तारवादी इरादों का संकेत देते हुए दक्षिणी हिन्द महासागर की गहराई में स्थित १९ समुद्री तलों के नाम बदल दिए हैं। चीन की तरफ से की गई यह कार्रवाई भारत की संप्रभुता और हिंद महासागर क्षेत्र में भारतीय प्रभाव क्षेत्र में सीधा दखल है। एक महीने में भारतीय संप्रभुता के साथ छेड़छाड़ करने की यह शी जिनपिंग के शासनकाल में चीन की दूसरी हिमाकत है। इसे हिन्द महासागर में चीन की बढ़ती दखल के रूप में भी देखा जा रहा है।
इससे पहले चीन ने २ फरवरी को अरुणाचल प्रदेश में ११ जगहों के भौगोलिक नाम बदल दिए थे, जिसकी भारत सरकार ने कड़ी निंदा की थी और चीनी दावों को खारिज कर दिया था। इस घटना के एक दिन पहले ही चीन ने दक्षिण हिंद महासागर की गहराई में स्थित १९ समुद्री तल के नाम बदल दिए, जो भारतीय प्रायद्वीप से लगभग २,००० किलोमीटर दूर हैं। चीनी प्रचार मीडिया ने इसे बीजिंग का सॉफ्ट पावर प्रोजेक्शन कहा है।
बता दें कि २०११ में इंटरनेशनल सी-बेड अथॉरिटी ने चाइना ओशन मिनरल रिसोर्सेज आरएंडडी एसोसिएशन के साथ मेडागास्कर के पास हिंद महासागर के दक्षिण-पश्चिम रिज में १५ साल के लिए एक उत्खनन अनुबंध किया था जो चीनी मुख्य भूमि से दूर था। हिंद महासागर में चीन को अलॉट किए गए समुद्री इलाके से उत्तर स्थित दक्षिण-पश्चिम रिज में इंटरनेशनल सी-बेड अथॉरिटी ने भारत के साथ भी कीमती धातु पॉलीसल्फाइड मॉड्यूल के उत्खनन लिए अनुबंध करार किया था।
हिंद महासागर में चीन द्वारा नामित १९ समुद्री तल सुविधाओं में से, छह ओमान के तट और अफ्रीकी हॉर्न से दूर जिबूती के चीनी बंदरगाह के करीब हैं। इनके अलावा मेडागास्कर के तट पर चार सी-बेड फीचर्स हैं। आठ हिंद महासागर के दक्षिण-पश्चिम रिज पर और एक अंटार्कटिका की ओर गहरे हिंद महासागर में रिज फीचर्स के पूर्व में स्थित है।
वहीं इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए साउथ ब्लॉक के एक अधिकारी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश और गहरे हिंद महासागर में विविध भौगोलिक स्थानों का नाम बदलना चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की मध्य साम्राज्य की मानसिकता को दर्शाता है और १९वीं शताब्दी में प्रभुत्व और शक्ति को प्रोजेक्ट करने के लिए ब्रिटिश शाही दृष्टिकोण को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यहां तक कि चीन में तैनात राजनयिकों को उनके राजनयिक कागजात पेश करते समय मंदारिन नाम दिया जाता है।

Scroll to Top