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फिर सामने आई चीन की चालबाजी, अरुणाचल की ११ जगहों के नाम बदले, भारत ने कहा- नाम बदलने से हकीकत नहीं बदलती

नई दिल्ली,०४ अप्रैल। दुनिया भर में अपनी नीतियों के कारण बदनाम चीन की चालबाजियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अपने सीमावर्ती देशों के साथ चीन का विवाद शुरू से ही रहा है। भारत के सीमावर्ती कई इलाकों खासकर अरुणाचल प्रदेश को वह अपना इलाका बताता है। अपनी इन्हीं चालबाजियों को चलते हुए चीन ने अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश की ११ जगहों के नाम बदल दिए हैं। चीन ने पिछले ५ साल में तीसरी बार ऐसा किया है। इसके पहले २०२१ में चीन ने १५ जगहों और २०१७ में ६ जगहों के नाम बदले थे।
चीन की इस हरकत पर पलटवार करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है- हमारे सामने चीन की इस तरह की हरकतों की रिपोर्ट्स पहले भी आई हैं। हम इन नए नामों को सिरे से खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का आतंरिक हिस्सा था, हिस्सा है और रहेगा। इस तरह से नाम बदलने से हकीकत नहीं बदलेगी।
दरअसल, चीन ने कभी अरुणाचल प्रदेश को भारत के राज्य के तौर पर मान्यता नहीं दी। वो अरुणाचल को ‘दक्षिणी तिब्बत’ का हिस्सा बताता है। उसका आरोप है कि भारत ने उसके तिब्बती इलाके पर कब्जा करके उसे अरुणाचल प्रदेश बना दिया है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने चीन के अरुणाचल की जगहों का नाम बदलने का जिम्मेदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ठहराया है। कांग्रेस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जून २०२० में चीन को क्लीन चिट दे दी थी। अब हमें उसकी कीमत चुकानी पड़ रही है।

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