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अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, नियंत्रण रेखा के पास तैनात किए अत्याधुनिक जासूसी ड्रोन्स

नई दिल्ली,०७ जुलाई। पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद के बीच चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। अब ड्रैगन ने भारतीय सीमा की जासूसी करने के लिए अपने अत्याधुनिक डब्ल्यू जेड-७, विंग लूंग २ ड्रोन बॉर्डर के नजदीक तैनात कर दिया है। मीडिया को मिली जानकारी से मुताबिक, चीन ने अपने इस जासूसी ड्रोन की तैनाती ऐसी जगह पर की है जहां से वो भारतीय पूर्वी लद्दाख की सीमा की जासूसी कर सकता है और दूर रहकर सेना की १४वीं कोर और ३३वीं कोर की मूवमेंट पर नजर रख सकता है।
दरअसल, भारत की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बढ़ती ताकत ने चीन के पसीने छुड़ा दिए हैं। चीन की इस जालसाजी के पीछे सबसे बड़ी वजह है कि वो भारतीय फौज से खौफजदा होकर उनकी निगरानी करना चाहता है। एक तरह जहां भारत स्वदेशी ड्रोन की मदद से अपनी ताकत में इजाफा कर रहा है वहीं अमेरिका के साथ हाल ही में साइन की गई ड्रोन डील ने चीन की रातों की नींदे उड़ा दी है। इसलिए वो हर हाल में भारत की बढ़ती ताकत से परेशान है और परेशानी का आलम ये है कि चीन ने तिब्बत में शिगात्से हवाई अड्डे पर डब्ल्यू जेड-७ ड्रोन, विंग लूंग २ ड्रोन की तैनाती की है जबकि खुफिया जानकारी इकट्ठा करने, निगरानी करने वाले और अटैकिंग टोही ड्रोनस् को डिप्लॉय कर दिया है। चीन के पास ये ड्रोन हैं जिसका इस्तेमाल वो अक्सर भारत और जापान की जासूसी के लिए करता रहता है। लेकिन यहां पर ये सोचने की ज़रूरत नहीं कि दुश्मन चीन के इस जासूसी कांड की जानकारी भारतीय फौज को नहीं, बल्कि चीन की हर चाल को मात देने के लिए भारत तैयार है और इसके साथ-साथ भारत लगातार अपनी ताकत को पहले से और मजबूत करने में जुटा हुआ है। चीन को जवाब देने के लिए भारत ने ‘तपस’ को तैयार किया है। ये स्वदेशी हथियार भारत की एआई फौज का मजबूत प्रहरी है। जिसको डीआरडीओ ने बनाया है। इसके साथ ही चीन को लगी इस मिर्ची के पीछे भारत अमेरिका की प्रीडेटर ड्रोन की डील भी है जिससे बौखलाया चीन अब भारत की सीमाओं की जासूसी पर उतर आया है।

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