92 Views

कैनेडा के पहले इंडो-कैनेडियन चिकित्सक डॉ. गुरदेव सिंह गिल का ९२ वर्ष की आयु में निधन

ओटावा,२५ दिसंबर। भारत में जन्मे पहले इंडो कैनेडियन चिकित्सक डॉ. गुरदेव सिंह गिल का निधन हो गया। वह ९२ वर्ष के थे।
उनकी मृत्यु की घोषणा करते हुए परिवार ने चार बच्चों के पिता डॉ. गिल को याद किया।
१९३१ में भारत के खरौदी गांव में जन्मे गिल १९४९ में नाव से उत्तरी अमेरिका आए। सिएटल के लिए ट्रेन पकड़ने से पहले उन्होंने दक्षिणी कैलिफोर्निया में अपने दादा से पहली मुलाकात की। उसके बाद वह फेरी से वैंकूवर आइलैंड पहुंचे, जहां उनके पिता दिलबाग रहते थे।
गिल १९५४ में कैनेडियन नागरिक बन गए और १९५६ में यूबीसी से स्नातक होकर न्यू वेस्टमिंस्टर में बस गए, जहां उन्होंने ४० वर्षों तक मेडिकल प्रैक्टिस की।
एक चिकित्सक के रूप में अपने काम के अलावा, उन्होंने ईस्ट इंडियन वेलफेयर सोसाइटी की सह-स्थापना की।
मेट्रो वैंकूवर के सिख समुदाय के एक सक्रिय सदस्य, गिल ने खालसा दीवान सोसाइटी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और उनके परिवार के अनुसार, १९७० में वैंकूवर में रॉस स्ट्रीट गुरुद्वारा के निर्माण के लिए धन जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
गिल ने इंडो कैनेडियन फ्रेंडशिप सोसाइटी की भी स्थापना की, जो पंजाब में ग्राम सुधार परियोजनाओं को वित्तपोषित करती है।
गिल को १९९१ में ऑर्डर ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया से सम्मानित किया गया था। वह यह सम्मान पाने वाले भारत में जन्मे पहले कैनेडियन थे।
उन्हें २०१२ में क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय डायमंड जुबली मेडल, २०१३ में यूबीसी ग्लोबल सिटिजनशिप एलुमनी अचीवमेंट अवार्ड और २०१८ में यूबीसी एमएए वालेस विल्सन लीडरशिप अवार्ड भी मिला।

Scroll to Top