चंद्र प्रकाश चौरसिया
ब्रैम्पटन: कैनेडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा को लेकर भारत सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने घटना की कड़ी निंदा की और कैनेडा सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की। वहीं दूसरी ओर विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है और पील रीजनल पुलिस ने एक पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया है।
एक पुलिस अधिकारी निलंबित
घटना के वायरल वीडियो के आधार पील रीजनल पुलिस ने एक पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया है। जिसकी पहचान पंजाबी मूल के कनाडाई पुलिस अधिकारी की पहचान हरिंदर सोही के रूप में हुई है। कैनेडा के सरकारी चैनल सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक वायरल वीडियो में सोही खालिस्तान का झंडा पकड़े हुए देखे गए, जबकि अन्य लोग विरोध प्रदर्शन में भारत विरोधी नारे लगा रहे थे।
विदेश मंत्री ने दिखाए सख्त तेवर
वहीं भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान ब्रैम्पटन मंदिर में हुई हिंसा को लेकर कैनेडा सरकार पर हमला बोला है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एस जयशंकर ने कहा कि आपने पहले हमारे आधिकारिक प्रवक्ता का बयान देखा होगा और हमारे प्रधानमंत्री की चिंता भी देखी होगी। मुझे तीन बात कहनी है। पहला कि कैनेडा ने कोई खास डिटेल दिए बिना आरोप लगाने का एक पैटर्न बना लिया है। दूसरा कि जब हम कैनेडा को देखते हैं, तो हमारे लिए, यह तथ्य कि… हमारे राजनयिक निगरानी में हैं, कुछ ऐसा है जो अस्वीकार्य है। तीसरी वो घटना है, जिसके वीडियो आपने जरूर देखें। मुझे लगता है कि इससे पता चलेगा कि वहां चरमपंथी ताकतों को किस तरह राजनीतिक जगह दी जा रही है।
पीएम मोदी ने कनाडा सरकार को लताड़ा
इससे पहले सोमवार ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि मैं कैनेडा में हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे डिप्लोमेट्स को डराने के कायरतापूर्ण प्रयास भी उतने ही निंदनीय हैं। ऐसे हिंसक कृत्य भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं कर सकते। हमें उम्मीद है कि कैनेडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून के शासन को बनाए रखेगी।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि रविवार को कैनेडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में भारतीय वाणिज्य दूतावास शिविर में लोगों के साथ झड़प हुई थी। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिससे पता चला कि हमलावरों के हाथों में खालिस्तानी झंडे थे। हमलावरों ने मंदिर में मौजूद लोगों पर लाठी-डंडे बरसाए थे।