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ब्रिटेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर हुआ दिवालिया, आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी खर्चों पर लगी रोक

लंदन ,०७ सितंबर। ब्रिटेन के दूसरे सबसे बड़े शहर बर्मिंघम ने प्रभावी रूप से खुद को दिवालिया घोषित कर दिया है और सभी गैर-जरूरी खर्च बंद कर दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि शहर पर ७६ करोड़ पाउंड (करीब ९५.६ करोड़ डॉलर) तक के समान वेतन दावे लंबित हैं।
बर्मिंघम सिटी काउंसिल, जो दस लाख से अधिक लोगों को सेवाएं प्रदान करती है, ने मंगलवार को धारा ११४ नोटिस दायर किया, जिसमें आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी खर्चों पर रोक लगा दी गई।
नोटिस रिपोर्ट के अनुसार, घाटा समान वेतन दावों में ६५ से ७६ करोड़ पाउंड के बीच भुगतान करने में कठिनाइयों के कारण उत्पन्न हुआ। शहर को अब वित्तीय वर्ष २०२३-२४ में ८.७ करोड़ पाउंड का घाटा होने की आशंका है।
परिषद के उपनेता शेरोन थॉम्पसन ने मंगलवार को पार्षदों से कहा कि वह काउंसिल की ऐतिहासिक समान वेतन देयता चिंताओं सहित लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों का सामना कर रहे हैं। थॉम्पसन ने कुछ हद तक ब्रिटेन की सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी को भी दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि बर्मिंघम में कंजर्वेटिव सरकारों द्वारा एक अरब पाउंड की फंडिंग छीन ली गई।
जवाब में, प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के एक प्रवक्ता ने कहा कि स्पष्ट रूप से यह स्थानीय रूप से निर्वाचित परिषदों के लिए अपने स्वयं के बजट का प्रबंधन करने के लिए है। प्रवक्ता ने कहा, सरकार उनके साथ नियमित रूप से जुड़ रही है और उनकी शासन व्यवस्था के बारे में चिंता व्यक्त की है और करदाताओं के पैसे के सर्वोत्तम उपयोग के बारे में परिषद के नेता से आश्वासन का अनुरोध किया है।
बर्मिंघम का बहुसांस्कृतिक शहर मध्य इंग्लैंड में सबसे बड़ा है। इसने पिछले साल के राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की और २०२६ यूरोपीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप आयोजित करने का कार्यक्रम है।

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